Hyderabad: तेलंगाना के सीएम पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने साधा निशाना, केसीआर के गुरू हैं ओवैसी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) संसद में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान करने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ मित्रता कैसे बरकरार रख सकती है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) संसद में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान करने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ मित्रता कैसे बरकरार रख सकती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘(प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी वह नेता हैं जिन्होंने पिछले नौ वर्षों में अनुच्छेद-370, राम जन्मभूमि, गरीबों के लिए शौचालयों के निर्माण और कर से संबंधित तमाम लंबित मुद्दों पर क्रांतिकारी फैसले लिए।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र के महत्वपूर्ण निर्णय के बदौलत महिलाओं के लिए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में एक तिहाई सीटें आवंटित करने के प्रावधान वाला विधेयक नए संसद भवन में पारित हो चुका है।
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रेड्डी ने कहा कि दुर्भाग्य से संसद में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान करने वाली एकमात्र पार्टी एआईएमआईएम थी।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का ‘गुरु’ बताते हुए रेड्डी ने कहा कि राव को लोगों को जवाब देना चाहिए कि ‘वह (बीआरएस) उस पार्टी (एआईएमआईएम) के साथ मित्रता कैसे रख सकते हैं जो महिलाओं की विरोधी है।’
विधेयक की मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लेने वाले तेलंगाना के तीन कांग्रेस सांसदों का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि एआईएमआईएम और तीन कांग्रेस सांसद तेलंगाना राज्य से हैं।
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तेलंगाना से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कोमतीरेड्डी वेंकट रेड्डी ने किशन रेड्डी की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई।
वेंकट रेड्डी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि किशन रेड्डी कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि मतदान के समय कई भाजपा सांसद भी संसद में मौजूद नहीं थे।
वेंकट रेड्डी ने सफाई दी कि कांग्रेस सांसद उस समय इसीलिए सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि वह यातायात जाम में फंस गए थे।