केंद्र बकाया जारी कर देता तो बंगाल कल्याणकारी योजनाओं में और लोगों को शामिल कर सकता था: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि यदि केंद्र राज्य की बकाया राशि जारी कर देता तो बंगाल कल्याणकारी योजनाओं के तहत और लोगों को शामिल कर सकता था। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि यदि केंद्र राज्य की बकाया राशि जारी कर देता तो बंगाल कल्याणकारी योजनाओं के तहत और लोगों को शामिल कर सकता था।
बनर्जी ने अलीपुरद्वार में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार चाय बागान श्रमिकों, जनजातियों और श्रमिकों सहित समाज के सभी वर्गों के साथ खड़ी है।
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तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा के विपरीत मैं हमेशा अपना वादा निभाती हूं, जिसने सभी बंद चाय बागानों को फिर से खोलने का वादा किया था... अगर हमें अपना बकाया मिल जाता तो मैं और अधिक लोगों को सामाजिक योजनाओं के तहत शामिल कर सकती थी।’’
मुख्यमंत्री ने 93 करोड़ रुपये मूल्य की 70 परियोजनाओं की भी घोषणा की। बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली जाऊंगी। कुछ सांसद भी वहां साथ रहेंगे। मैंने हमारी बकाया राशि जारी करने को लेकर 18 से 20 दिसंबर के बीच प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है।’’
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल का बकाया विभिन्न मदों में लंबित है, जिसमें मनरेगा के तहत 100 दिनों का काम, आवास और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह में राज्य का हिस्सा शामिल है। उन्होंने कहा कि केंद्र पर कुल बकाया राशि 1.15 लाख करोड़ रुपये है।
बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार सभी चाय बागान श्रमिकों को भूमि पट्टा उपलब्ध कराने की पेशकश करेगी और उनमें से प्रत्येक को घर बनाने के लिए 1.2 लाख रुपये प्रदान करेगी।