Depression: तनाव से रहना है दूर तो पढ़ें ये वैज्ञानिक शोध, अवसाद के इलाज में मदद कर सकती हैं ये प्रतिरक्षा कोशिकाएं
वैज्ञानिकों के एक समूह ने चूहों और मनुष्यों की आंतों में ऐसी प्रतिरक्षा कोशिकाओं का पता लगाया है जो मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: वैज्ञानिकों के एक समूह ने चूहों और मनुष्यों की आंतों में ऐसी प्रतिरक्षा कोशिकाओं का पता लगाया है जो मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं की ओर से किए गए अध्ययन के मुताबिक इन प्रतिरक्षा कोशिकाओं के कारण होने वाले बदलाव, तनाव की वजह से होने वाले विकारों जैसे अवसाद के इलाज में मदद कर सकते हैं।
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जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर एवं इस अध्ययन का नेतृत्व करने वालीं अतसुशी कामिया ने कहा, ‘‘ हमारे अध्ययन के परिणाम मनोवैज्ञानिक तनाव के इलाज में आंतों की 'गामा डेल्टा टी' कोशिकाओं की भूमिका और प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सतह पर पाए जाने वाले डेक्टिन -1 के रूप में ज्ञात प्रोटीन रिसेप्टर के महत्व को उजागर करते हैं। ’’
इस शोध के परिणाम प्रकृति प्रतिरक्षा विज्ञान विषय की एक पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं।
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जब डेक्टिन-1 कुछ एंटीजन अथवा प्रोटीन से जुड़ता है तो प्रतिरक्षा कोशिकाओं को विशिष्ट तरीकों से खुद को सक्रिय करने का संकेत मिलता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक यह रिसेप्टर चूहों के बृहदान्त्र में माइक्रोबायोम परिवर्तन और प्रतिरक्षा संबंधी प्रतिक्रियाओं में शामिल हो सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि यह आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली में गामा डेल्टा टी कोशिकाओं के माध्यम से तनाव के इलाज में मदद कर सकता है।