Electoral Process: अनुचित तरीकों के असर की अनदेखी के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संपदा संचय, एकाधिकार या दो लोगों को अधिकार मिलने और मीडिया में कुछ वर्गों के उदय के साथ ही अनुचित तरीकों का चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ने की प्रवृत्ति की अनदेखी करने के विनाशकारी परिणाम होंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संपदा संचय, एकाधिकार या दो लोगों को अधिकार मिलने और मीडिया में कुछ वर्गों के उदय के साथ ही अनुचित तरीकों का चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ने की प्रवृत्ति की अनदेखी करने के विनाशकारी परिणाम होंगे।

यह भी पढ़ें | Supreme Court: युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के लिए राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में व्यवस्था दी कि कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे ताकि ‘चुनावों की शुचिता’ बनी रहे। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश शामिल होंगे।

यह भी पढ़ें | शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरी की जाएगी : नगालैंड सरकार ने न्यायालय से कहा

न्यायमूर्ति के एम जोसफ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र के केंद्र में रहने वाला बुनियादी सिद्धांत मतदान के माध्यम से जनता को अधिकार देना है।










संबंधित समाचार