पुरुष भी हो रहे घरेलू हिंसा के शिकार, राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, पढ़ें पूरा अपडेट
घरेलू हिंसा के शिकार विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग’ बनाने के अनुरोध को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: घरेलू हिंसा के शिकार विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग’ बनाने के अनुरोध को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर याचिका में देश में दुर्घटनावश मौतों के संबंध में 2021 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला दिया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि उस वर्ष देश भर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की।
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याचिका में कहा गया है कि इनमें से आत्महत्या करने वाले विवाहित पुरुषों की संख्या 81,063 थी जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं।
याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया, ‘‘वर्ष 2021 में लगभग 33.2 प्रतिशत पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं के कारण और 4.8 प्रतिशत ने विवाह संबंधी वजहों से अपना जीवन समाप्त कर लिया।’’
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याचिका में विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या के मुद्दे से निपटने और घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका में केंद्र को गृह मंत्रालय के जरिये पुलिस विभाग को यह निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है कि घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की शिकायतें तत्काल स्वीकार की जाएं।