10 से बढ़ाकर 20 लाख तक हुई करमुक्त ग्रेच्युटी की सीमा
श्रम संसाधन मंत्रालय ने कहा कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून, 1972 के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिये करमुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..
नई दिल्ली: श्रम संसाधन मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून,1972 के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिये करमुक्त ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है।
Income Tax Exemption for Gratuity under Section 10(10)(iii) of the Income Tax Act has been enhanced to Rs. 20 lakh. Would benefit all PSU employees and other employees not covered by Payment of Gratuity Act.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) March 5, 2019
गौरतलब है कि इससे पहले अरुण जेटली ने इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी साझा की थी। उन्होंने लिखा था कि आयकर अधिनियम की धारा 10 (10) (तीन) के तहत ग्रेच्युटी के लिए आयकर छूट को बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी।
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यह बदलाव उन सभी कर्मचारियों पर लागू होता है जो ऐसे संगठन में काम करते हैं जहां एक वर्ष में 10 या इससे ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाता है। गौरतलब है कि टैक्स का दायरा बढाने से पहले सभी कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट की सीमा दोगुनी करने के लिए कानून में संशोधन किया गया था। हालांकि सरकार की ओर से सूचना जारी होने के तकरीबन 11 माह बाद इसे लागू किया गया है।
Income Tax Exemption for Gratuity under Section 10(10)(iii) of the Income Tax Act has been enhanced to Rs. 20 lakh. Would benefit all PSU employees and other employees not covered by Payment of Gratuity Act.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) March 5, 2019
क्या है ग्रेच्युटी और कब मिलती है
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ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी को किसी संस्थान में लगातार 5 साल लगातार नौकरी करनी होती है। इस तय समय सीमा के बाद नौकरी छोड़ने या सेवामुक्त होने, मृत्यु होने या बीमारी या किसी दुर्घटना में अक्षम होने की अवस्था में ग्रेच्युटी का पैसा मिल जाता है।