Independence Day: इस तरह अस्तित्व में आया प्यारा तिरंगा, जानिये सबसे पहले कब और कहां किया गया था ध्वजा रोहण
डाइनामाइट न्यूज़ पर जानिए भारत के तिरंगे के पीछे की लंबी कहानी। 116 सालों में भारत का राष्ट्रीय ध्वज 6 बार बदला गया।
नई दिल्ली: इस साल भारत आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है। इस खास अवसर पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव की धूम मची हुई है, वहीं हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोगों से तिरंगा फहराने की अपील की गई है। लेकिन क्या आप राष्ट्रीय ध्वज के पीछे की कहानी जानते हैं?
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भारत के तिरंगे के पीछे की कहानी बहुत लंबी है। बता दें कि 116 सालों में भारत का राष्ट्रीय ध्वज 6 बार बदला गया।
1906 में मिला पहला राष्ट्रीय ध्वज
देश को अपना पहला झंडा 7 अगस्त 1906 मिला। पहले झंडे को पारसी बागान चौक, कलकत्ता (अब ग्रीन पार्क, कोलकाता) में फहराया गया था। तीन रंग की पटि्टयों वाले इस झंडे में सबसे ऊपर हरा रंग,आठ कमल के फूल बने थे, मध्य में पीले रंग और नीचे लाल रंग था।
1907 में मिला दूसरा राष्ट्रीय ध्वज
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देश को दूसरा झंडा 1907 को मिला। पहले झंडे में कुछ बदलाव किये गए। जिसके बाद भारत के दूसरे झंडे को कुछ क्रांतिकारी के साथ मिलकर मैडम भीकाजीकामा ने पेरिस में झंडा फहराया था।
1917 में मिला तिसरा राष्ट्रीय ध्वज
साल 1917 में तिसरी बार राष्ट्रीय झंडा बदला गया। जिसे डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने फहराया था। इस नए झंडे में पांच लाल और चार हरे रंग की पट्टियां थी।
1921 में चौथी बार बदला राष्ट्रीय झंडा
भारत को अपना चौथा झंडा 1921 में मिल। इस झंडे में सफेद, हरे और लाल रंग की तीन पट्टियां थीं। देश के विकास को दिखाते हुए झंडे के बीच में बड़ा सा चलता हुआ चरखा बनाया गया था।
1931 में 5वीं बार बदला देश का झंडा
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भारत को अपना 5वां झंडा साल 1931 में मिला। इंडियन नेशनल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर इस झंडे को अपनाया था। इस झंडे में सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग और अंतिम में हरे रंग की पट्टी बनाई गई। झंडे की सफेद पट्टी पर छोटा चरखा बनवाया गया था।
1947 में हुआ था आखिरी बदलाव
एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद साल 1947 में देश आजाद हुआ। इस साल देश को अपना तिरंगा झंडा मिला। भारत के तिरंगे को पिंगली वैंकेया ने तैयार किया था। इस झंडे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग की पट्टी है और तीनों ही समानुपात में है। आजाद भारत के इस झडे में सम्राट अशोक के धर्म चक्र को गहरे नीले रंग में दिखाया गया है। 24 तीलियों वाले चक्र को विधि का चक्र भी कहते हैं।