डोकलाम में भारत-चीन अपनी सेनाएं पीछे हटाने को तैयार

डीएन ब्यूरो

डोकलाम विवाद में आखिरकार भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिल गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से ठीक पहले भारत और चीन डोकलाम सीमा से सेना हटाने को तैयार हो गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी  जिनपिंग (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: डोकलाम विवाद में आखिरकार भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिल गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से ठीक पहले भारत और चीन डोकलाम सीमा से सेना हटाने को तैयार हो गए हैं। पीएम मोदी 3-5 सितंबर तक चीन दौरे पर रहेंगे। पिछले 3 महीने से दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम में आमने-सामने थीं, जिससे दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा था और युद्ध तक की संभावना जतायी जा रही थी।

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा डोकलाम से दोनों देशों की सेनायें हटाने के बयान के कुछ देर बाद चीन ने अपना पक्ष सामने रखा। पीपल्स डेली चाईना ने लिखा कि भारत-चीन डोकलाम से अपनी सेना पीछे हटाने को तैयार हो गये हैं।

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विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों देश अपनी सेनाएं वहां से पीछे हटा रहे हैं। मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि इस मुद्दे को लेकर पिछले कई दिनों से हो रही बातचीत में भारत ने चीन को अपनी चिंताओं से वाफिक कराया जिसके बाद सेनाएं हटाने का फैसला हुआ है।

जानें क्या है डोकलाम विवाद

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डोकलाम नामक जगह भूटान में 89 स्कावयर किलोमीटर का इलाका है। रणनीतिक तौर पर तीनों देशों के लिए ये काफी अहम है। चीन डोकलाम पर अपना दावा ठोंकता रहा है जबकि भूटान उसे अपना हिस्सा मानता है। भूटान भारत का मित्र देश है, इस नाते भारतीय सेनाएं डोकलाम में सुरक्षा के लिये मौजूद रहती हैं। चीन ने हाल ही में डोकलाम में सड़क बनानी शुरू की, जिसका  भारतीय सेना ने विरोध किया और इसके बाद विवाद शुरू हो गया। चीन को ये बर्दाश्त नहीं कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से क्यों दखलअंदाजी कर रहा है। 16 जून से डोकलाम में गतिरोध जारी था जो अब खत्म हो गया है।










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