UNESCO World Heritage: यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के लिए भारत ने कब्रिस्तान का नाम, जानिए इसकी पूरी कहानी

डीएन ब्यूरो

यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए भारत की ओर से असम के चराइदेव जिले स्थित अहोम युग के ‘मोईदाम’ या मैदाम (शाही परिवार का कब्रिस्तान) का नाम भेजा जाएगा, जो देश की ओर से भेजा जाने वाला एकमात्र नामांकन होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को यह जानकारी दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

असम के अहोम युग के ‘मोईदाम’ (फाइल फोटो)
असम के अहोम युग के ‘मोईदाम’ (फाइल फोटो)


गुवाहाटी: यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए भारत की ओर से असम के चराइदेव जिले स्थित अहोम युग के ‘मोईदाम’ या मैदाम (शाही परिवार का कब्रिस्तान) का नाम भेजा जाएगा, जो देश की ओर से भेजा जाने वाला एकमात्र नामांकन होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 52 विरासत स्थलों में से ‘असम के पिरामिड’ कहे जाने वाले ‘मोईदाम’ को ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन’ (यूनेस्को) की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए देश के एकमात्र नामांकन के रूप में चुना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ‘‘मुझे इस महत्वपूर्ण खबर के बारे में सूचित किया है और नामांकन आज रात पेरिस के यूनेस्को कार्यालय में जमा किया जाएगा।’’

यह भी पढ़ें | Assam Politics: मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भाजपा की जीत पर किया ये दावा, जानिए पूरी खबर

शर्मा ने कहा कि चराइदेव स्थित अहोम राजवंश के ‘मोईदाम’ को पहली बार अप्रैल 2014 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की अस्थायी सूची में शामिल किया गया था।

शर्मा ने कहा, ‘‘दस्तावेजों को अस्थायी सूची से नामांकन की स्थिति तक पहुंचने में नौ साल लग गए और यह प्रधानमंत्री की पहल के कारण ही संभव हो पाया।’’

उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में अहोम जनरल लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती समारोह के दौरान विज्ञान भवन में एक प्रदर्शनी आयोजित की गई थी, जिसमें ‘मोईदाम’ का एक मॉडल शामिल था, जिसमें ताई अहोमों की अनूठी दफन वास्तुकला और परंपरा का प्रदर्शन किया गया था।

यह भी पढ़ें | देश में समान नागरिक संहिता को लेकर असम के मुख्यमंत्री का बड़ा बयान

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी देखी थी और हमारी इस विरासत में उनकी रुचि के कारण यह नामांकन संभव हो पाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह असम के लिए बड़े सम्मान की बात है कि देश ने यूनेस्को को विश्व विरासत स्थल नामांकन का मूल्यांकन करने के लिए दस्तावेज भेजने का फैसला किया है।










संबंधित समाचार