ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा चुनौतियों को लेकर कितना तैयार है भारत? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा तथा खाद्य सुरक्षा शायद मौजूदा सबसे बड़ी दो तात्कालिक वैश्विक चुनौतियां हैं जिनका अल्प विकसित देश (साउथ) सामना कर रहे हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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पनामा सिटी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा तथा खाद्य सुरक्षा शायद मौजूदा सबसे बड़ी दो तात्कालिक वैश्विक चुनौतियां हैं जिनका अल्प विकसित देश (साउथ) सामना कर रहे हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत इन समस्याओं के समाधान के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

जयशंकर सोमवार को गुयाना से पनामा पहुंचे। मंगलवार को उन्होंने यहां चौथी भारत-एसआईसीए मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। सेंट्रल अमेरिकन इंटीग्रेशन सिस्टम (एसआईसीए) मध्य अमेरिकी देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक संगठन है।

बैठक में जयशंकर ने मजबूत संबंध बनाने और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय तथा बहुपक्षीय मंचों पर भारत का समर्थन करने के लिए एसआईसीए की सराहना की।

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उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा शायद मौजूदा दो सबसे बड़ी तात्कालिक वैश्विक चुनौतियां हैं जिनका सामना कम विकसित देशों को (साउथ) करना पड़ रहा है। दीर्घकालिक कदमों की बात करें तो प्राथमिकताएं खाद्य तथा ऊर्जा सुरक्षा से कहीं आगे बढ़कर हैं जिनमें वृद्धि, व्यापार, निवेश, रोजगार विकास और गरीबी कम करना शामिल है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘ मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भारत (इस दिशा में) काफी कुछ करेगा और हम इसे खासतौर पर हमारे विशेष संबंधों में देखना चाहेंगे।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत का यह भी मानना है कि मोटे अनाज के वैश्विक उत्पादन के पर्याप्त विस्तार में स्थायी आधार पर खाद्य सुरक्षा से निपटने की क्षमता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ केवल खाद्य सुरक्षा ही नहीं बल्कि पोषण सुरक्षा भी इससे सुनिश्चित होगी क्योंकि यह आयरन, विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है।’’

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जयशंकर ने कहा कि 2023 भारत के लिए बेहद खास वर्ष है क्योंकि वह जी20 अध्यक्षता कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जी20 में हमारा मंत्र ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है और हम एसआईसीए में भी यही भावना लेकर आए हैं।’’










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