India-Myanmar FMR: मणिपुर के आदिवासी समूहों ने FMR को खत्म करने के फैसले का किया विरोध

डीएन ब्यूरो

मणिपुर के आदिवासी समूहों के सदस्यों ने भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर विरोध जताया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

FMR को खत्म करने के फैसले का किया विरोध
FMR को खत्म करने के फैसले का किया विरोध


नयी दिल्ली: मणिपुर के आदिवासी समूहों के सदस्यों ने भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर विरोध जताया है।

भारत-म्यांमा सीमा के करीब रहने वाले लोगों को एफएमआर के तहत बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक भीतर जाने की अनुमति है।

यह भी पढ़ें: मणिपुर का जनजातीय संगठन भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने का करेगा विरोध

यह भी पढ़ें | मणिपुर का जनजातीय संगठन भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने का करेगा विरोध

आदिवासी समूहों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर बृहस्पतिवार को प्रतिक्रिया दी। शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए एफएमआर को खत्म करने का फैसला किया है।

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर कसा तंज

‘जो यूनाइटेड’ के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग ने कहा, 'मणिपुर और मिजोरम में आदिवासी समुदाय एफएमआर के फैसले से खुश नहीं हैं और वे बड़े स्तर पर निर्णय का विरोध करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।''

यह भी पढ़ें | मणिपुर तक पहुंचा कांग्रेस का प्रदर्शन, जानें ताजा अपडेट

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  वुअलजोंग ने कहा,''हमने बुधवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ तीन घंटे तक बैठक की। हमने बैठक के दौरान उन विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जिनका हम अपने देश में सामना कर रहे हैं। उन्होंने हमारे मुद्दों तथा चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुना है और कहा है कि वे इसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचायेंगे।''

‘जो यूनाइटेड’ एक समन्वय निकाय है जिसमें कुकी इंपी मणिपुर, जोमी काउंसिल, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ), कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू), हिल ट्राइबल काउंसिल (एचटीसी) और जनजाति परिषद जैसे सभी शीर्ष संगठन शामिल हैं।










संबंधित समाचार