भारत को डब्ल्यूटीओ में असंगत कदम उठाने वाले देशों के खिलाफ मामले उठाने चाहिए: जीटीआरआई
अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे अधिकतर विकसित क्षेत्र संरक्षणवादी हो गए हैं और डब्ल्यूटीओ से असंगत कदम उठा रहे हैं। शोध संस्थान जीटीआरआई ने सोमवार को इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत को सक्रिय रूप से व्यापार विवादों को उठाना चाहिए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे अधिकतर विकसित क्षेत्र संरक्षणवादी हो गए हैं और डब्ल्यूटीओ से असंगत कदम उठा रहे हैं। शोध संस्थान जीटीआरआई ने सोमवार को इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत को सक्रिय रूप से व्यापार विवादों को उठाना चाहिए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि इन कदमों का विरोध करने के लिए भारत सरकार को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के समान एक पेशेवर व्यवस्था और विशेषज्ञों की एक समिति की जरूरत होगी।
संस्थान ने यह भी कहा कि मौजूदा व्यवस्था में गहराई का अभाव है। अमेरिका और भारत जून में छह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) विवादों को छोड़ने पर सहमत हुए। इनमें से दोनों देशों ने 3-3 मामले शुरू किए थे।
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बयान में कहा गया कि ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि भारत ने अमेरिका के खिलाफ कई मामले दायर किए थे।
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि यूरोपीय संघ और अमेरिका, दोनों व्यापार सुरक्षा उपाय बढ़ा रहे हैं, इसलिए आने वाले वर्षों में ऐसे मामले बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ की कार्बन कर जैसी नीतियां निर्यात को कठिन बना देंगी और ऐसे में 20-35 प्रतिशत के बीच अतिरिक्त कर लगेगा।
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