सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के कश्मीर राग पर भारत ने सुनाई दो टूक, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी राजदूत रुचिरा कंबोज ने सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद दृढ़ता के साथ कहा कि वह ऐसी ‘‘बेकार’’ टिप्पणियों का जवाब देकर परिषद का समय बर्बाद नहीं करेंगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी राजदूत रुचिरा कंबोज
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी राजदूत रुचिरा कंबोज


संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी राजदूत रुचिरा कंबोज ने सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद दृढ़ता के साथ कहा कि वह ऐसी ‘‘बेकार’’ टिप्पणियों का जवाब देकर परिषद का समय बर्बाद नहीं करेंगी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘‘ अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने: संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों को कायम रखते हुए प्रभावी बहुपक्षवाद’’ विषय पर चर्चा के दौरान कंबोज ने पाकिस्तान की टिप्पणियों पर कड़ा जवाब दिया।

इस महीने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता रूस कर रहा है।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सोमवार को बहस की अध्यक्षता कर रहे थे, तभी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कंबोज ने कहा, ‘‘ अंत में, इस सम्मानित मंच ने आज एक स्थायी प्रतिनिधि द्वारा कुछ बेकार की टिप्पणियां सुनीं जो विशुद्ध रूप से अज्ञानता और विऔपनिवेशीकरण के बुनियादी तथ्यों पर समझ की कमी के कारण की गईं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उन टिप्पणियों का जवाब देकर इस परिषद का समय बर्बाद नहीं करूंगी...’’

पाकिस्तान लगातार संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों पर कश्मीर के मुद्दे को उठाता है, भले ही बैठकों में एजेंडा और चर्चा का विषय कुछ भी हो।

पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान रद्द कर भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।

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भारत के फैसले पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उससे राजनयिक संबंध सीमित कर लिए और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेछ 370 को निष्प्रभावी करना उसका आंतरिक मामला है। उसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार बंद करने की भी सलाह दी।

भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में उसके साथ सामान्य पड़ोसी वाले संबंध कायम करने की इच्छा रखता है।










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