भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगाई लंबी छलांग, प्रौद्योगिकी पहुंची घर-घर तक, जानिये पूरा अपडेट
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने पिछले नौ साल में अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है और अंतरिक्ष के अनुप्रयोगों में विविधता लाने के प्रयास किए गए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने पिछले नौ साल में अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है और अंतरिक्ष के अनुप्रयोगों में विविधता लाने के प्रयास किए गए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष के अनुप्रयोगों में विविधता लाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत यहां ‘‘जी-20 स्पेस इकॉनोमी लीडर्स मीटिंग’’ (एसईएलएम) के चौथे सत्र में अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अप्रत्यक्ष रूप से एक या अन्य तरीके से आज हर घर में पहुंच गई है।’’
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सिंह ने कहा, ‘‘...पिछले आठ-नौ साल में प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के नेतृत्व में भारत ने वास्तव में (अंतरिक्ष के क्षेत्र में) लंबी छलांग लगाई है।’’
मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार शुरू किए जाने के बाद से भारत में अब इस क्षेत्र में 140 से अधिक सक्रिय और सफल स्टार्टअप हैं।
केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह, जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत, अंतरिक्ष विभाग में सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष सोमनाथ एस. और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने भी उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।
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सिंह ने कहा कि भारत ने कुछ अन्य देशों की तुलना में कई वर्ष बाद अंतरिक्ष यात्रा शुरू की लेकिन वह आज दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसियों के लाभ के लिए ‘‘अहम सुराग और सूचनाएं’’ दे रहा है।
मंत्री ने कहा कि बाहरी अंतरिक्ष की खोज के लिए मनुष्यों की बढ़ती महत्वाकांक्षा के मद्देनजर वैश्विक सहयोग और गठबंधन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अंतरिक्ष यात्रा करने वाले जिम्मेदार देशों का गठबंधन समय की मांग है।’’
सिंह ने कहा, चूंकि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था के विभिन्न स्तंभों को एक मंच पर लाती है, इसलिए इस क्षेत्र में किए गए निवेश का देशों और अर्थव्यवस्थाओं के समग्र विकास पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा।