ओमान में फंसी महिला को भारतीय दूतावास ने दिया सहारा
नौकरी का झांसा देकर दुबई से कथित तौर पर मानव तस्करी के जरिए ओमान में फंसी हैदराबाद की रहने वाली एक महिला को खाड़ी देश के दूतावास ने 'पनाह' दी हुई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कोटा: नौकरी का झांसा देकर दुबई से कथित तौर पर मानव तस्करी के जरिए ओमान में फंसी हैदराबाद की रहने वाली एक महिला को खाड़ी देश के दूतावास ने 'पनाह' दी हुई है। बूंदी के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने यह जानकारी दी।
विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता चर्मेश शर्मा ने सात जनवरी को राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और ओमान में स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया।
'पीटीआई की वीडियो' सेवा द्वारा मामले को उठाए जाने के एक दिन बाद शर्मा ने पत्र लिखा था।
पीड़िता की बहन फमिदा ने 'पीटीआई वीडियो सेवा' को पिछले सप्ताह बताया,'' पिछले वर्ष नवंबर में फरीदा बेगम (49) एक एजेंट के जरिए काम के लिए दुबई गईं थीं लेकिन 21 दिन बाद वह वहां बीमार पड़ गईं। इस स्थिति में उन्हें काम के लिए मस्कट भेज दिया गया।
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उन्होंने कहा, ''उनकी (फरीदा) हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और वह अब फोन पर बात करने की हालत में भी नहीं है। मैं भारतीय दूतावास से अनुरोध करती हूं कि मेरी बहन को बचाकर वापस घर लाया जाए।''
शर्मा ने आरोप लगाया कि फरीदा के बीमार पड़ने के बाद उसे वापस भारत भेजने के बजाए एजेंट शहनाज ने उन्हें मस्कट भेज दिया।
शर्मा ने बृहस्पतिवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि महिला का मोबाइल फोन, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी कथित तौर उनसे छीन लिए गए और उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा कि ओमान में स्थित भारतीय दूतावास ने शिकायत पर संज्ञान लिया और दूतावास के कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार ने बुधवार को शिकायत पर प्रतिक्रिया दी।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने शर्मा को बताया कि फरीदा आठ जनवरी को भारतीय दूतावास आई थीं और उन्हें मस्कट स्थित दूतावास में आश्रय मुहैया कराया गया साथ ही उन्हें सेवाएं भी प्रदान की गईं।
शर्मा के मुताबिक, ''दूतावास ने पत्र में बताया कि भारत में उनकी शीघ्र वापसी के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ उनके मामले को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है।''