तलोजा जेल के कैदियों को स्वच्छ पेयजल मिलना बुनियादी अधिकार है: उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में बंद सभी कैदियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने का निर्देश देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि स्वच्छ पेयजल एक बुनियादी मानवाधिकार है।
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में बंद सभी कैदियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने का निर्देश देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि स्वच्छ पेयजल एक बुनियादी मानवाधिकार है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा कि तलोजा जेल के कैदियों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वे नहाने और कपड़े धोने के लिए दिए जा रहे पानी का इस्तेमाल पीने के लिए भी करेंगे।
अदालत ने कहा, ‘‘प्राथमिकता स्वच्छ पेयजल है। यह उनका मूल अधिकार है। इसे धोने आदि में इस्तेमाल किये जाने वाले पानी से अलग होना चाहिए। आप पीने के पानी को अन्य पानी के साथ नहीं जोड़ सकते। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि पीने का पानी कैसे (अन्य कार्यों में इस्तेमाल होने वाले पानी के) समान हो सकता है।’’
पीठ ने जेल अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे कैदियों को उपलब्ध कराए जाने वाले पीने के पानी की मात्रा को मापने पर विचार न करके इसकी मात्रा बढ़ाने पर विचार करें।
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अदालत एक कैदी अभय कुरुंदकर की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें रायगढ़ जिले के अधिकार क्षेत्र में आने वाली जेल में पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
पीठ ने इस सप्ताह की शुरुआत में रायगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव को याचिकाकर्ता द्वारा किए गए दावों को सत्यापित करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने सचिव द्वारा बृहस्पतिवार को प्रस्तुत रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें दावा किया गया है कि जेल में सिंटेक्स टैंकों में पानी जमा किया जाता है और फिर कैदियों को दी जाने वाली बाल्टियों में रखा जाता है
रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी में गंदगी है।
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अदालत ने रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि जेल में पानी की आपूर्ति अपर्याप्त थी और उसे आश्चर्य हुआ कि अधिकारी कैसे प्रत्येक कैदी से यह अपेक्षा करते हैं कि वे उन्हें प्रदान की गई एक बाल्टी पानी में ही सब कुछ कर लें।
पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘क्या यह पर्याप्त है? आप उनसे एक बाल्टी पानी में सब कुछ करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। साफ-सफाई, स्वच्छता पर भी ध्यान देना होगा।’’
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय करते हुए जेल अधिकारियों से यह बताने को कहा कि वे पानी की आपूर्ति बढ़ाने और इसकी गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या कदम उठाने की योजना बना रहे हैं।