डाइनामाइट न्यूज़ की तहकीकात: देखिये क्या कह रहे हैं परिजन, कैसे किया नायब तहसीलदार ने उत्पीड़न, पैसे की मांग से हुई मौत, अफसरों ने कहा परिजन बोल रहे हैं झूठ
कल देर रात नौतनवा तहसील के हरदीडाली गांव निवासी कंबाइन मालिक अशर्फी गुप्ता की मौत का सच क्या है? क्या नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव ने रिश्वत की मांग की? इन आरोपों पर मृतक के परिजनों से डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष बातचीत देखिये लाइव
नौतनवा/सोनौली (महराजगंज): नौतनवा तहसील के हरदीडाली गांव निवासी कंबाइन मालिक अशर्फी गुप्ता की मौत के बाद उनके परिजन भड़क उठे हैं। इनका साफ आरोप है कि नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव के धनउगाही की मांग के बाद अशर्फी की तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गयी। हालांकि इन आरोपों को नायब तहसीलदार सहित तहसीलदार और एसडीएम नकार रहे हैं।
इन सबके बीच संदेह की सुई तहसीलदार पर इसलिए गहरा रही है कि आखिर क्यों नायब तहसीलदार ने कागजात की जांच के नाम पर अशर्फी को तहसील में बुलाया? यदि वाकई कोई गलती अशर्फी की थी तो नायब तहसीलदार को मौके पर ही कार्यवाही करनी चाहिये थी, इसकी बजाय तहसील में बुलाकर बात करने की बात कहना और कागजात दिखाना नायब तहसीलदार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहा है।
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ये है मामला
नौतनवा तहसील के हरदीडाली गांव निवासी एक कंबाइन मालिक की तहसील में सीने में तेज दर्द होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई है। परिजनों ने नायब तहसीलदार पर उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कल देर रात नौतनवा के बनैलिया चौराहे के पास शव को सड़क पर रख जाम लगा दिया। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कंबाइन मालिक अशर्फी गुप्ता का कंबाइन मशीन खेत काट रहा था तभी नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और बिना रीपर मशीन चलाने पर उखड़ गये। उन्होंने कागजात की जांच के लिए अशर्फी को तहसील बुलाया। शाम के समय अशर्फी गुप्ता जब तहसील पहुंते तब नायब तहसीलदार से मिलने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि तहसीलदार ने कागजात के नाम पर धनउगाही की मांग की जिससे अशर्फी की तबियत बिगड़ी और मौत हो गयी। फिर देर रात परिजनों ने शव को मार्ग पर रख कर नायब तहसीलदार के विरुद्ध हंगामा शुरू कर दिया।
ये है प्रशासनिक पक्ष
मामले में डाइनामाइट न्यूज ने जब नायब तहसीलदार विवेक श्रीवास्तव को फोन किया तो उनका फोन नहीं लगा जबकि तहसीलदार अरविंद कुमार ने साफ कहा कि परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। एसडीएम दिनेश मिश्र ने बताया कि एसएमएस प्रणाली को लेकर कंबाइन मालिकों की दो दिन पहले बैठक हुई थी जिसमें शासनादेश के तहत कंबाइन मशीन चलाने के लिए जागरूक किया गया था जिसके तहत नायाब तहसीलदार जांच के लिए क्षेत्र मे गए थे, बिना रीपर मशीन चलाए जाने पर अशर्फी गुप्ता के लड़के मौके पर मिले जिन्हें तहसील में बुलाया गया था लेकिन उनके पिता तहसील पहुंचे जिनका स्वस्थ्य भी खराब चल रहा था, कुछ देर में ही वो वापस चले गए, ये संयोग है कि उनकी तबियत बिगड़ी और मृत्यु हो गई, परिजनों का धनउगाही का आरोप झूठा है।