ISRO Scientist: अंतरिक्ष स्टेशन के संबंध में भारत की महत्वाकांक्षी योजनाएं सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक पी. वीरमुथुवेल ने शनिवार को कहा कि 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजने संबंधी भारत की महत्वाकांक्षी योजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
उदगमंडलम (तमिलनाडु): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक पी. वीरमुथुवेल ने शनिवार को कहा कि 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजने संबंधी भारत की महत्वाकांक्षी योजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इसरो अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को भेजे जाने की योजना पर काम करना चाहिए और 2035 तक हमारा अंतरिक्ष स्टेशन भी होना चाहिए।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में इसरो की सफलता पर वीरमुथुवेल ने कहा, ‘‘जहां तक चंद्रयान-3 का सवाल है, ‘लैंडर’ और रोवर मिशन ने सफलतापूर्वक एक चंद्र दिवस पूरा किया।
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चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है।
इसरो वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘हमने सफलतापूर्वक ‘हॉप’ प्रयोग पूरा किया जिसमें हमने उसी इंजन का उपयोग किया जहां हम उतरे थे और फिर से हमने एक पृथ्वी दिवस के लिए पेलोड का संचालन किया।’’
उन्होंने कहा कि प्रणोदन मॉड्यूल, जिसे चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करनी थी, ने सभी मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
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