संसद में गृह मंत्री के वक्तव्य के बिना कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालन बहुत मुश्किल
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि जब तक गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा चूक के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में वक्तव्य नहीं देते, तब तक कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालन बहुत मुश्किल है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
![पार्टी महासचिव जयराम रमेश](https://static.dynamitenews.com/images/2023/12/15/it-is-very-difficult-to-conduct-the-proceedings-smoothly-in-parliament-without-the-statement-of-the-home-minister/657c64d8133a1.jpg)
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि जब तक गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा चूक के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में वक्तव्य नहीं देते, तब तक कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालन बहुत मुश्किल है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ‘अहंकारी’ हैं, इसलिए उन्होंने इस मामले में संसद में वक्तव्य देने के बजाय एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बयान दिया।
सुरक्षा चूक के मुद्दे पर हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दो दिन से राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही नहीं हो सकी। हमने गृह मंत्री के बयान की मांग की। ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों की मांग थी कि गृह मंत्री बयान दें और फिर इस पर एक-डेढ़ घंटे सवाल-जवाब हो, चर्चा हो। फिर सदनों की कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालन हो सकता है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने विपक्ष की बात नहीं मानी। यही एकमात्र कारण है कि 14 और 15 दिसंबर को दोनों सदनों में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री इतने अहंकारी हैं कि वह सुरक्षा चूक के विषय पर एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में बोलते हैं, लेकिन वही बात संसद के भीतर नहीं बोल रहे।
रमेश ने दावा किया कि सत्तापक्ष तथा गृह मंत्री का पूरा प्रयास है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका को लेकर विपक्ष जो सवाल उठा रहा है, उससे ध्यान भटकाया जाए और बचा जाए।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘पिछले 70 वर्षों से संसद की यह परंपरा रही है कि सत्र के दौरान मंत्री महत्वपूर्ण विषयों पर संसद के बाहर वक्तव्य नहीं देते। लेकिन गृह मंत्री ने एक चैनल के कार्यक्रम में सुरक्षा चूक के विषय पर बात की।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘जब तक गृह मंत्री दोनों सदनों में बयान नहीं देते, तब तक कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालन बहुत मुश्किल है।’’
रमेश ने उम्मीद जताई कि गृह मंत्री सोमवार को संसद में बयान देंगे और फिर कार्यवाही आगे बढ़ेगी।