जम्मू-कश्मीर बना केंद्र शासित प्रदेश, लागू हुआ देश का संविधान
गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर बीते वर्ष जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 तथा धारा 35ए की समाप्ति और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने, राष्ट्रीय नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बनाने जैसे ऐतिहासिक फैसले किए लेकिन इनमें से कुछ को लेकर हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शनों ने सरकार की नाक में दम कर दिया।
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर बीते वर्ष जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 तथा धारा 35ए की समाप्ति और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने, राष्ट्रीय नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बनाने जैसे ऐतिहासिक फैसले किए लेकिन इनमें से कुछ को लेकर हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शनों ने सरकार की नाक में दम कर दिया।
यह भी पढ़ें: आर्मी चीफ बिपिन रावत हुए रिटायर, कहा- हर कसौटी पर खरी उतरी है सेना
यह भी पढ़ें |
Article 370: तारिगामी को कश्मीर जाने की इजाजत, राज्य की स्थिति रिपोर्ट केंद्र से मांगा
लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार ने संसद के पहले ही सत्र में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 तथा धारा 35ए को समाप्त कर दूरगामी महत्व का कदम उठाया। राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो संघ शासित प्रदेशों में बांट कर वहां के लोगों को केन्द्र सरकार के कानूनों के दायरे में लाया गया। संविधान के सभी प्रावधान अब जम्मू- कश्मीर तथा लद्दाख पर भी किसी संशोधन या अपवाद के बिना लागू होंगे।
यह भी पढ़ें: राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर 31 दिसम्बर की रात बाहर निकलना रहेगा बंद
यह भी पढ़ें |
Jammu & Kashmir: अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई 14 नवंबर तक स्थगित
घाटी में राजनीतिक दलों ने इसका कड़ा विरोध किया जिसके चलते सभी प्रमुख राजनेताओं को नजरबंद किया गया। करीब महीने भर तक इंटरनेट सेवा बंद रही है और संवेदनशील क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी। (वार्ता)