जन्माष्टमी पर बिजली गुल होने का मामला: दो आईएएस अरविंद कुमार और एम. देवराज की भूमिका पर सवाल
जन्माष्टमी पर बिजली गुल होने के मामले पर सीएम के तेवर सख्त हैं। उन्होंने इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी हैं। लोगों का मानना है कि इस मामले में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार और UPPCL के एमडी एम. देवराज के भूमिका की व्यापक जांच होनी चाहिये। अमूमन किसी भी बड़ी गड़बड़ी में बड़ों को क्लिन चिट देकर छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बना दिया जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
लखनऊ: यूपी के लाखों घरों मे जन्माष्टमी के मौके पर बिजली गुल होने के मामले में यूपी एसटीएफ की जांच में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार और UPPCL के एमडी एम. देवराज घिर सकते हैं।
इस मामले में यूपी सरकार ने एसटीएफ को जांच कर अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा था। जांच के क्रम में एसटीएफ की टीम शक्ति भवन के सर्वर रूम भी पहुंची। जहां कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई। बता दें कि बीते जन्माष्टमी के मौके पर लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, गोरखपुर और मथुरा समेत कई जिलों मे घंटों तक बिजली गुल हो गई थी।
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यूपी के लगभग 1.5 लाख घरों मे लगे स्मार्ट मीटरों से लाइट गुल हो गई थी। प्रदेश में जीनस कंपनी की ओर से 10 लाख के करीब घरों मे स्मार्ट मीटर लगाये जा चुके हैं। पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अफसरों का कहना है कि अगर प्रदेश भर के 3 करोड़ घरों में बिजली सप्लाई गुल हो गई होती तो पावर ग्रिड भी फ़ेल होने की आशंका थी ।
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हालांकि इस मामले में पहले ही ईईएसएल के यूपी हेड और एक इंजीनियर को निलंबित किया जा चुका है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इसमें ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार और एमडी एम देवराज की जबाबदेही कब तय होगी?