जौनपुर: जागरूकता के अभाव में आयुष्मान भारत योजना का गरीब नहीं उठा पा रहे हैं लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष 1 अप्रैल को आयुष्मान भारत योजना लागू करके देश के गरीबों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। योजना को लागू किए नौ महीने से अधिक हो चुके हैं लेकिन अब भी कई क्षेत्रों में या तो इस योजना का लाभ नहीं पहुँच पा रहा है या उनकी गति बहुत धीमी है। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
जौनपुर: पिछले वर्ष देश के प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत योजना लागू की थी। इस योजना के ज़रिए गरीबों से बड़े-बड़े वायदे किए गए थे। उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात करते हुए प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस मिलने की बात कही गई थी।
लेकिन लगता नहीं कि इस योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है। इस योजना की गति बेहद धीमी है जिससे बहुत ही काम परिवार इसका लाभ उठा पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से प्राप्त ताजा आंकड़े तो यही बयां करते हैं।
यहां आयुष्मान भारत योजना को लागू किए चार महीने बीत चुकेहैं लेकिन अब तक महज़ छह हज़ार कार्ड ही जिला अस्पताल में बने हैं। वहीं इस योजना का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों की संख्या बहुत कम है।
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जौनपुर में आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 1,87,000 लाभार्थी हैं लेकिन अब तक पूरे जिले में महज़ 6,083 गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। वहीं जिले के लाभार्थियों को इस योजना की स्पष्ट जानकारी नहीं है। लोगों को पता ही नहीं है कि इस गोल्डन कार्ड के क्या लाभ हैं। इससे स्पष्ट है कि आयुष्मान भारत योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम भी ठीक से नहीं किया गया है। योजना के बारे में स्पष्ट जानकारी न होने के कारण जिले में बीते 4 महीने में अभी तक केवल 52 लाभार्थियों को ही इस योजना का लाभ मिल पाया है।
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अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द से जल्द गोल्डन कार्ड जारी कर देंगे। उनका कहना है कि लाभार्थी प्राइवेट अस्पतालों से निशुल्क ये कार्ड बनवा सकते हैं। इसके अलावा सहज जन सेवा केंद्र पर मात्र 30 रु देकर आसानी से यह कार्ड बनवाया जा सकता है। डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने जब उनसे लाभार्थियों को योजना की जानकारी न होने के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि वे लोगों को जाकरूक करने करने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आशा बहुओं के साथ मीटिंग की जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि किस प्रकार इस योजना का प्रचार-प्रसार करना है।