महराजगंज जिले के विवादित दारोगा अमित सिंह के खिलाफ जिले भर के पत्रकार लामबंद, लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बढ़ी पुलिस की मुसीबत
जिले में एक मनबढ़ और बदनाम दारोगा हैं। नाम है इनका अमित सिंह। कभी भाजपा विधायक से उलझते हैं तो कभी सिसवा बाजार में युवक को थर्ड डिग्री देकर टार्चर करते हैं। डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
महराजगंज: जिले के फरेंदा चौकी इंचार्ज अमित सिंह और इनके संरक्षणदाता पुलिस लाइन से फरेंदा पहुंचे नये-नवेले थानेदार राहुल शुक्ला ने मिलकर ऐसा कुकृत्य किया है कि जिले के बड़े पुलिस अफसर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मुसीबत में आ गये हैं।
अमित सिंह की गुंडई की जिले में हर जुबान पर चर्चा गर्म है। ये जहां-जहां रहे इन्होंने अपने वर्दी के नशे में हर किसी से झगड़ा किया और आम जनता की नजर में पुलिस को शर्मसार किया।
एसपी प्रदीप गुप्ता के जमाने में बतौर खुटहां चौकी इंचार्ज ये जिले के एक भाजपा विधायक से उलझ गये तब इनका दिमाग कप्तान ने ठीक किया और अकड़ ढ़ीली हुई।
जून 2022 में जब ये सिसवा चौकी इंचार्ज थे तब इन पर वर्दी का ऐसा नशा छाया कि कहासुनी के एक छोटे से मामले में सिसवा नगर के युवक को रात के अंधेरे में चौकी के अंदर जमकर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया और मारा-पीटा, इसके बाद खूब हो-हल्ला और बवाल मचा। तबके कप्तान डॉ कौस्तुभ ने इसे लाइन हाजिर किया।
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इसके बाद भी ये नहीं सुधरे और नये कप्तान सोमेन्द्र मीणा के सामने एक नयी मुसीबत खड़ी कर दी।
दो दिन पहले इस मनबढ़ दारोगा ने फरेन्दा के कई पत्रकारों से झगड़ा कर लिया। बताया जा रहा है कि इस झगड़े में इसका रहनुमा बना है फरेन्दा का चर्चित थानेदार राहुल शुक्ला। चंद दिन पहले पुलिस लाइन से फरेन्दा थाने की कुर्सी पाये राहुल शुक्ला और चौकी इंचार्ज की आपसी मिलीभगत से पूरे फरेन्दा इलाके का तापमान खराब हो गया है।
दो दिन पहले कुछ पत्रकार आधार कार्ड केन्द्र पर निर्धारित शुल्क से अधिक रकम वसूले जाने की खबर को कवर करने गये तो वहां इस अवैध सेंटर के संचालक ने पत्रकारों से झगड़ा शुरु कर दिया।
पत्रकारों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस पत्रकारों को थाने ले गयी। यहां पर न जाने किस अज्ञात दबाव में फरेन्दा का थानेदार राहुल शुक्ला और चौकी इंचार्ज "लाठियों से पीटो इन पत्रकारों को और जेल में ठूंसो" जैसे शब्दों से नवाज पत्रकारों को लाकअप में डाल दिया। इसके बाद मौके पर मौजूद पत्रकारों ने जमकर इसका विरोध किया और धरने पर बैठ गये।
सवाल यह है कि राहुल शुक्ला और अमित सिंह को आम जनता पर थाने के अंदर लाठियां चलाने का लाइसेंस किसने दिया है? अपशब्दों का प्रयोग करने की इनकी हिमाकत कैसे हुई? क्या ये कानून से ऊपर हैं? इन्हें संविधान और मानवाधिकार आयोग का कोई खौफ नहीं?
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चर्चा है कि राहुल शुक्ला ने अमित सिंह से कहा कि तुम चिंता मत करो, मैं कप्तान, एडिशनल और सीओ सबको समझा दूंगा कि तुम सही हो और पत्रकार गलत।
फिलहाल पिछले दो दिनों से जिले भर के पत्रकार इस घटना के खिलाफ लामबंद हैं। महराजगंज, फरेन्दा, बृजमनगंज, कोल्हुई, नौतनवा, सोनौली सभी जगहों पर बड़ी संख्या में पत्रकार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पत्रकारों ने कहा कि जब तक चौकी इंचार्ज के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
वरिष्ठ पत्रकार सुधेश मोहन श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार विष्णु देव त्रिपाठी, केशव मिश्र, उमाकांत विश्वकर्मा, रवि श्रीवास्तव, विनय श्रीवास्तव, हरि प्रकाश पाण्डेय, बीएल मौर्या, प्रदीप अग्रहरि, राकेश सहानी, देवानंद यादव, राहुल प्रताप सिंह, सुनील कुमार पांडेय, नितेश मिश्र, सूर्य प्रताप सिंह, विश्वामित्र मिश्रा, इसराइल खान, अभिषेक वर्मा, वैभव सिंह, उमेश गुप्ता, चंदन मद्धेशिया, अभिषेक अग्रहरि, गौतम श्रीवास्तव, विनय पाठक, राम उजागिर यादव, उमाशंकर उपाध्याय, सुभाष यादव, वेद प्रकाश पुरी, रामकृष्ण जायसवाल, रवि यादव, आशीष जायसवाल, शिवप्रकाश श्रीवास्तव, सौरभ जायसवाल, राकेश यादव, प्रमोद गौड़, मनोज त्रिपाठी, जगदंबा जायसवाल, गौरव जायसवाल, इरफान अहमद, नितिन, कलाधर मिश्रा, अभिषेक रौनियर, मो० सई, चुन्ना खान, अंगद शर्मा, देव अग्रहरी, रोहित कन्नौजिया, विनोद मौर्या, आशीष गुप्ता, अफरोज खान, सोनू मिश्रा, राहुल गौतम, बैतुल्लाह उर्फ चुन्ना, सोनू शर्मा आदि पत्रकारों ने घटना पर सख्त विरोध जताया है और दोषी चौकी इंचार्ज पर कार्यवाही की मांग की है।