मनोज टिबड़ेवाल आकाश पर हुए बर्बर अत्याचार के खिलाफ पत्रकारों ने जलायी मोमबत्तियां, उच्चस्तरीय जांच की मांग
जनपद मुख्यालय पर संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना की प्रतिमा पर जिले के पत्रकारों ने मोमबत्तियां जलाकर वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के पैतृक मकान को षड़यंत्र के तहत बिना नोटिस व मुआवजे के बुलडोजरों से गिराये जाने पर रोष व्यक्त किया और समूचे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..
महराजगंज: शनिवार की शाम 6 बजे जनपद के पत्रकार सक्सेना जी की मूर्ति पर पहुंचे और मोमबत्ती जलाकर दो मिनट का मौन रखा। इस अवसर पर सभी पत्रकारों ने एकजुटता का परिचय देते हुए अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष का संकल्प लिया। मौजूद लोगों ने कहा कि यह लड़ाई किसी अकेले की नहीं है। यह लड़ाई सभी पत्रकारों और समाज के हर एक जागरुक नागरिकों की है ताकि भविष्य में फिर किसी को इस तरह के बर्बर प्रशासनिक अत्याचार का सामना न करना पड़े।
मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने कहा कि मकान गिराये जाने से पहले विधिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। 12 सितंबर को जिला प्रशासन ने अभिलेखों में दर्ज पीडब्ल्यूडी की मौजूदा सड़क के मुताबिक मकान को 5 फीट तोड़ने के लिए स्थानीय जनता के सामने पीले रंग से निशानदेही की थी। जिसे मैंने तुड़वा भी दिया लेकिन 24 घंटे के अंदर रहस्यमय तरीके से डीएम ने अपना निर्णय बदलते हुए पूरे मकान को जमींदोज करा दिया। मकान गिराने के लिए न तो कोई नोटिस दी गयी और न ही मुआवजा। जैसे भूकंप में मकान जमींदोज हो जाता है ठीक वैसे ही पूरे मकान को एक बड़ी साजिश के तहत ध्वस्त कर दिया गया।
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मूलभूत सामानों को निकालने के लिए एक मिनट का मौका तक नहीं दिया गया जिससे दुकान की सभी दवाईयां, फर्नीचर, टीवी-फ्रिज, घर के समस्त कीमती सामान मलबे में तब्दील हो गये। बिजली-पानी, शौचालय तक की सुविधाओं से मानवाधिकारों का हनन करते हुए पूरे परिवार को वंचित कर दिया गया। बिना अनुमति, बिना वारंट के पुलिस घर के अंदर जबरन घुस गयी और मेरे व परिजनों के साथ बदसलूकी की।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई पत्रकारों के एक जनआंदोलन के रुप में चरणबद्ध तरीके से महराजगंज से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक सड़क से लेकर संसद तक लड़ी जायेगी और हर सक्षम संस्था तक विधिक तरीके से अपनी बात पहुंचायी जायेगी। जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे और यह संघर्ष दिन-प्रतिदिन और तेज होता जायेगा।
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पत्रकारों की इस कैंडिल सभा में प्रमुख रुप से द क्विंट नई दिल्ली के न्यूज़ एडिटर अभय सिंह, डीडी न्यूज देवरिया के पत्रकार मृत्युंजय विशारद, डाइनामाइट न्यूज़ के ब्यूरो चीफ शिवेन्द्र चतुर्वेदी, खुर्शीद सिद्दीकी, गोविंद मिश्रा, डा. कमल उपाध्याय, विनय कुमार पांडेय, पारसनाथ यादव, कार्तिकेय पाण्डेय, इमरान खान, राहुल पांडेय, शुभम खरवार, सर्वेश गुप्ता, दीपक पटेल, चन्द्रशेखर सिंह, सुदर्शन पांडेय, श्रवण निगम, राजेन्द्र अग्रवाल, अमीर खान, कृष्ण मोहन मिश्रा, फहीम अहमद सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।