दीपक मिश्रा बने देश के नए मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति कोविंद ने दिलायी शपथ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा को आज देश के नये मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलायी।
नई दिल्ली: न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा आज देश के नये मुख्य न्यायाधीश बन गये। दीपक मिश्रा देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश बने। राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में सोमवार सुबह आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति मिश्रा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर रविवार को सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि उच्चतम न्यायालय में शनिवार और रविवार को छुट्टी रहने के कारण अदालत कक्ष में उनका शुक्रवार को ही अंतिम दिन रहा।
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न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की उपल्ब्धियां
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा याकूब मेमन पर दिए गए फैसले के कारण काफी सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने रात भर सुनवाई करते हुए याकूब की फांसी पर रोक लगाने संबंधी याचिका निरस्त कर दी थी। याकूब मेमन मुंबई के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में दोषी पाया गया था और न्यायमूर्ति मिश्रा ने उसकी फांसी के खिलाफ मध्य रात्रि में सुनवाई की थी।
उन्होंने देश को दहला देने वाले निर्भया बलात्कार कांड के दोषियों की फांसी की सजा भी बरकरार रखी थी। न्यायमूर्ति मिश्रा ने ही देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के आदेश जारी किए थे।
पांच हजार से ज्यादा मामलों में सुनाये फैसले
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न्यायमूर्ति मिश्रा को 23 दिसंबर 2००9 को पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। उन्हें 24 मई 2010 को दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। वहां रहते हुए उन्होंने पांच हजार से ज्यादा मामलों में फैसले सुनाये और लोक अदालतों को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के प्रयास किये। उन्हें 1० अक्टूबर 2०11 को पदोन्नत करके उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले तीसरे न्यायमूर्ति
न्यायमूर्ति मिश्रा भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने वाले ओडिशा से आने वाले तीसरे न्यायाधीश है। उनसे पहले ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा और न्यायमूर्ति जीबी पटनायक भी इस पद को सुशोभित कर चुके हैं।
वह पटना और दिल्ली उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। तीन अक्टूबर 1953 को जन्मे न्यायमूर्ति मिश्रा को 17 फरवरी 1996 को उड़ीसा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया था। तीन मार्च 1997 को उनका तबादला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में कर दिया गया। उसी साल 19 दिसंबर को उन्हें स्थायी नियुक्ति दी गयी।