कानपुर: सरकार और खेल संस्थानों की उपेक्षा से राष्ट्रीय खिलाड़ी बना धोबी
खेल संस्थाओं की उपेक्षा और आर्थिक तंगी के कारण एक नेशनल लेवल का खिलाड़ी अपना जीनव-यापन के लिए कपड़े धोने और उन पर प्रेस करने पर मजबूर है। यह खिलाड़ी देश के लिये कई पदक जीत चुका है।
कानपुर: सरकार समेत खेल संस्थाओं की उपेक्षा और आर्थिक तंगी के कारण आज एक नेशनल लेवल का खिलाड़ी अपना जीनव-यापन के लिए कपड़े धोने और उन पर प्रेस करने को मजबूर है। इस खिलाड़ी का नाम है- राकेश कुमार गुप्ता, जो फरुखाबाद के रहने वाले हैं। राकेश कभी बॉक्सिंग और ताइक्वांडो का नेशनल खिलाड़ी और स्पेशलिस्ट हुआ करता था। इन खेलों में वह कई सिल्वर और कांस्य पदक भी जीत चुके हैं।
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फिटनेस को प्रमोट करने की कोशिश
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डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान राकेश ने बताया कि आज वह कपड़ों पर स्त्री करने का काम उसी जुनून से करते हैं जैसा वह खेलों के लिये करते थे। बकौल राकेश कुमार, मैने पीएम मोदी को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कोई जवाब नही आया। उन्होंने कहा कि यदि एक बार मुझे नौजवानों को कुछ सिखाने का मौका मिला तो मैं अपने देश और उन नौजवानों के लिए काफी कुछ कर सकता हूँ। आज भी फिटनेस को लेकर खेल को प्रमोट करने की कोशिश कर रहा हूँ।
सरकार ने नही ली नेशनल एथलीट की सुध
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फिलहाल अब तक सरकार ने इस नेशनल एथलीट की कोई सुध नही ली है। राकेश ने बताया कि मुझे अपने ऊपर पूरा यकीन है कि अगर सरकार या कोई भी प्राइवेट संस्था इस मामले में ज़रा भी मदद करती है, तो वह युवा खिलाड़ियों की फिटनेस को एक नई दिशा दे सकते हैं। उनका मानना है कि खेलना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसलिए मैं अपने आप को स्वस्थ रखने के लिये कुछ न कुछ खेलता रहता हूं,जिससे फिटनेस बनी रहे।