बेलगावी की घटना को लेकर कर्नाटक के भाजपा सांसदों ने संसद परिसर में किया प्रदर्शन
कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने बेलगावी में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना के खिलाफ शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने बेलगावी में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना के खिलाफ शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कर्नाटक में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। एक दलित महिला को बिना किसी कारण के निर्वस्त्र कर दिया गया और एक जुलूस निकाला गया, उसे बिजली के खंभे से बांध दिया गया और पीटा गया... कर्नाटक कांग्रेस सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को सुरक्षा नहीं देती है।’’
राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने इस मामले को उच्च सदन में उठाने की कोशिश की तो वही भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि यह मामला इस तरह के अपराधों से निपटने में कांग्रेस की सरकारों के ‘गैरजिम्मेदाराना व्यवहार’ को भी उजागर करता है।
यह भी पढ़ें |
राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ संसद भवन परिसर में प्रदर्शन, जानिये पूरा अपडेट
नड्डा ने इस घटना की विस्तार से जानकारी हासिल करने और केंद्रीय नेतृत्व को इसकी रिपोर्ट सौंपने के लिए पांच सदस्यीय एक तथ्यान्वेषी दल का भी गठन किया। इस दल में पार्टी की चार महिला सांसद अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, लॉकेट चटर्जी, रंजीता कोली और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा शामिल हैं।
बेलगावी के वंतामुरी गांव में 11 दिसंबर को महिला के बेटे के उसी समुदाय की एक लड़की के साथ भाग जाने के बाद महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र घुमाया गया और खंभे से बांध दिया गया।
इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आठ अन्य की तलाश की जा रही है।
यह भी पढ़ें |
Karnataka: भाजपा ने बेलगावी की घटना को लेकर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर को मीडिया में आई कुछ खबरों के आधार पर घटना का स्वत: संज्ञान लिया था और इसे ‘असाधारण मामला’ बताते हुए नाराजगी जाहिर की थी। अदालत ने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने के निर्देश भी दिए थे।