कर्नाटक सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण खत्म करने का फैसला किया
कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को 'धार्मिक अल्पसंख्यकों' के लिए चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने और इसे राज्य के दो प्रमुख समुदायों के मौजूदा आरक्षण में जोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की।
बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को 'धार्मिक अल्पसंख्यकों' के लिए चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त करने और इसे राज्य के दो प्रमुख समुदायों के मौजूदा आरक्षण में जोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की।
कर्नाटक में अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण अब समान रूप से वितरित किया जाएगा और राज्य के वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के मौजूदा आरक्षण में जोड़ा जाएगा। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के लिए पिछले साल बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान 2सी और 2डी की दो नयी आरक्षण श्रेणियां बनाई गईं थीं।
यह भी पढ़ें |
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने के फैसले को लेकर कही ये बातें
मंत्रिमंडल ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत लाने का फैसला किया। यह फैसला विधानसभा चुनाव से पहले आया है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों का आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा और बिना किसी शर्त के बदलाव के ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 10 प्रतिशत पूल के तहत लाया गया।
यह भी पढ़ें |
जनता को महंगाई का झटका, कर्नाटक सरकार ने नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाई, जानिये नये दाम
बोम्मई ने कहा, ‘‘ अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण को 2सी और 2डी के बीच दो हिस्सों में बांटा जाएगा। वोक्कालिगा और अन्य के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बढ़कर छह प्रतिशत हो जाएगा जबकि वीरशैव पंचमसाली और अन्य (लिंगायत), जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, उन्हें अब सात प्रतिशत मिलेगा। ’’