DN Exclusive: जाने, भारत के लिये नेपाल में हो रहे बिमस्टेक सम्मेलन का महत्व
भारत समेत सात पड़ोसी देश सहयोग, सुरक्षा, आतंकवाद, तस्करी समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और समस्याओं के समाधान के लिये नेपाल में दो दिवसीये बिमस्टेक समिट में हिस्सा ले रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में जाने.. भारत के लिये क्या मायने हैं इस सम्मेलन के
काठमांडूः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल में दो दिवसीय बिमस्टेक समिट में हिस्सा ले रहे हैं। बिमस्टेक का चौथा सम्मेलन हैं, जो कि नेपाल के काठमांडू में पहली बार आयोजित किया जा रहा हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जाने बिमस्टेक सम्मेलन का इतिहास, इसकी जरूरत और भारत के लिये इसके मायने।
क्या हैं बिमस्टेक
बिमस्टेक (BIMSTEC) जिसका पूरा रूप बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम है। यह बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती देशों का एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। इसकी स्थापना जून 1997 में बैंकॉक घोषणा के द्वारा की गई थी।
बिमस्टेक के सदस्य देश
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बिमस्टेक में सात देशों को शामिल किया गया है। इन देशों में बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैण्ड और भूटान के साथ नेपाल इसके सदस्य देश हैं।
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भारत के लिए बिमस्टेक की अहमियत
यह समिट भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। भारत इस सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ आतंकवाद, सुरक्षा, सहयोग, साइबर क्राइम, ड्रग्स तस्करी व सदस्य देशों के बीच कारोबार समेत उन तमाम मुद्दों पर चर्चा करेगा, जिससे सभी देशों के बीच पारस्परिक सहयोग बढ़े। इसके अलावा कारोबार संबंधों को आगे बढ़ाने और शांतिपूर्ण व समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निमार्ण में सामूहिक प्रयासों को भारत आगे बढ़ाने पर चर्चा करेगा।
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मोदी ने रचा ये इतिहास
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह मोदी की चौथी नेपाल यात्रा है। इससे पहले भारत की तरफ से 17 साल तक कोई भी प्रधानमंत्री नेपाल नहीं गया था। मोदी ने ऐसा कर एक नया इतिहास बनाया है।