Kerala Bomb Blast: ईसाई समुदाय के सम्मेलन केंद्र में हुए धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हुई
केरल के कलमस्सेरी में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार को, तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के समापन के अवसर पर सुबह हुए धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है, जबकि चार घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोच्चि: केरल के कलमस्सेरी में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार को, तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के समापन के अवसर पर सुबह हुए धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है, जबकि चार घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।
अधिकारी के मुताबिक, एर्नाकुलम जिले के मलयट्टूर की रहने वाली लिबिना नाम की 12 वर्षीय बच्ची ने कलमस्सेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार देर रात दम तोड़ दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि जिन चार घायलों की हालत गंभीर है, उनमें लिबिना की मां और भाई शामिल हैं, जिनके शरीर का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा झुलस गया था।
कलमस्सेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा बोर्ड की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, लिबिना को रविवार सुबह भर्ती कराया गया था और धमाके में उसके शरीर का 95 फीसदी हिस्सा झुलस गया था।
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बयान में कहा गया है कि वेंटिलेटर पर रखे जाने के बावजूद बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती गई और रविवार देर रात 12 बजकर 40 मिनट के आसपास उसकी मौत हो गई।
इससे कलमस्सेरी में ईसाई समुदाय के सम्मेलन केंद्र में हुए धमाकों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई। प्रार्थना सभा में शामिल दो महिलाओं की रविवार को मौत हो गई थी।
जॉर्ज ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि धमाकों के बाद लगभग 60 घायलों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जबकि एक व्यक्ति को मृत अवस्था में लाया गया था।
उन्होंने बताया कि अभी 12 लोग कलमस्सेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों की सघन देखभाल इकाई (आईसीयू) में भर्ती हैं।
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कलमस्सेरी के एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में रविवार को सुबह उस समय कई धमाके हुए, जब ईसाई समूह ‘यहोवा के साक्षी’ के अनुयायी तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के अंतिम दिन की प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे।
‘यहोवा के साक्षी’ समूह का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने धमाकों के कुछ घंटे बाद त्रिशूर जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उसने धमाकों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि समूह की शिक्षाएं ‘देश के लिए सही नहीं’ हैं।