Gorakhpur: क्या है सच? वाकई गोरखपुर में कारोबारी के बेटे का हुआ अपहरण या है ब्लैकमेलिंग की साजिश?
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कारोबारी के बेटे का सरेआम अपहरण के मामले का रहस्य गहराया हुआ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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गोरखपुर: जनपद के गोलघर क्षेत्र से सरेआम एक कारोबारी के बेटे के अपहरण की सूचना को लेकर कई अटकलों का दौर जारी है। इस मामले में कई एंगल सामने आ रहे हैं। बताया जाता है कि बदमाशों ने कारोबारी से 10 करोड़ की फिरौती भी मांगी है। लेकिन अब इसमें नया मोड़ आया है।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वास्तव में सर्राफा कारोबारी के बेटे का अपहरण किया गया या फिर इस कहानी के पीछे को साजिश है?
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक गोरखपुर के कैंट क्षेत्र में जीडीए टावर के पास हुए दस करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों को देखते हुए जांच तेज कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, राजघाट थाना क्षेत्र के निवासी व्यापारी भीमराव मारुति का पुत्र रोहित मारुति बाईट रात को चाय पीने के लिए निकला था। गोलघर के जीडीए टावर पहुंचने पर उसके मोबाइल पर दस करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई।
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बताया गया कि अपहर्ता ने उसके पिता को पत्र भेजकर 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और फिरौती न देने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची कैंट पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की।
परिजनों ने राजघाट थाने में शिकायत दी। जानकारी के मुताबिक जांच के बाद पुलिस को इस मामले कुछ ठोस जानकारी मिली है।
पुलिस का बयान
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इस पूरा घटना पर गोरखपुर पुलिस का बयान भी सामने आया है। पुलिस का कहना है कि यह प्रकरण थाना राजघाट क्षेत्रान्तर्गत स्थित चौधरी गली से संबंधित है। जाँच के क्रम में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि गुमशुदा व्यक्ति द्वारा स्वयं ऑनलाइन रेपिडो बुक कर अपनी जैकेट व फिरौती का एक पत्र रेपिडो वाले के माध्यम से अपने घर भेजा गया व अपने पिता का मोबाइल नंबर भी दिया गया था। गुमशुदा व्यक्ति द्वारा ऑनलाइन माध्यम से रैपिडो को पैसा भी स्वयं अपने फोन से दिया गया था।
पुलिस का कहना है कि घरवालों से पूछताछ के क्रम में यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि गुमशुदा व्यक्ति पर लाखों रुपये का कर्ज भी है। प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना स्थानीय पर गुमशुदगी दर्ज कर, सर्विलांस के माध्यम से अन्य जानकारी की जा रही है। आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।