विश्व हिंदी दिवस पर जानिए हिंदी भाषा की कुछ खास बातें
आज विश्व हिंदी दिवस है। 2006 से हर वर्ष 10 जनवरी का दिन विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में जानिए राजभाषा हिंदी की कुछ खास बातें...
नई दिल्ली: हिंदी के विकास और उसके प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाने वाले हिंदी के महान साहित्यकार भारतेंदु हरीश्चंद्र कह गए हैं-
निज भाषा उन्नति अहै, उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल….
आज विश्व हिंदी दिवस है। हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मानाया जाता है। इसका मकसद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है। विदेशों में यह दिन बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साथ ही भारत के सरकारी दफ्तरों में व्याख्यान का आयोजन किया जाता है।
10 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है ये दिन
हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में 10 जनवरी 1975 को आयोजित किया गया था। इसलिए 10 जनवरी को ही विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने शिरक़त की थी।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मानाए जाने की घोषणा की थी। तबसे हर वर्ष इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
14 सितंबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय हिंदी दिवस
यह भी पढ़ें |
सुप्रीम कोर्ट ने JEE-IIT(एडवांस) की काउंसलिंग व दाखिले को रोका
भारत में विश्व हिंदी दिवस के साथ-साथ 14 सितंबर को ‘राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था, इसलिए हर वर्ष देश में इस दिन को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
विश्व के कई देशों में मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस
विदेशों में रहने वाले हिंदी भाषी इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। वहां हिंदी से जुड़े अनेक कार्यक्रम तथा व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। नार्वे में पहला हिंदी दिवस भारतीय दूतावास ने मनाया था। इसके बाद दूसरा और तीसरा विश्व हिंदी दिवस साहित्यकार सुरेशचंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में आयोजित किया गया था।
विश्व की पांचवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा
हिंदी विश्व की पांचवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यही नहीं, विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार हिंदी विश्व की 10 सबसे अधिक भाषाओं में शुमार है। पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरिशस और साउथ अफ्रीका समेत कई देशों में हिंदी बोली जाती है।
यह भी पढ़ें |
अबू धाबी में दिखा हिंदी का दम, अरबी और अंग्रेजी के बाद बनी अदालत की तीसरी आधिकारिक भाषा
विश्व के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है जिसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिंदुस्तानी कहा जाता है। यह अवधी, भोजपुरी और अन्य भाषाओं का मिला-जुला रूप है।
हिंदी साहित्य का पहला.....
हिंदी साहित्य का पहला उपन्यास श्रीलाल शुक्ल द्वारा रचित परीक्षा गुरु माना जाता है, पहला नाटक रीवां नरेश विश्वनाथ सिंह का ‘आनन्द रघुनन्दन’, पहली कहानी माधवराव स्प्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी', पहली हिंदी पत्रिका उदंत मार्तण्ड व हिंदी के पहले कवि स्वयंभू माने जाते हैं। हालांकि हिंदी साहित्य में ‘हर पहले’ को लेकर विद्वानों में विवाद है।