इन आदिवासी जिलों में नहीं थम रहे बाल विवाह, जानिये 18 वर्ष से कम आयु की गर्भवती लड़कियों की संख्या
महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने मंगलवार को विधान परिषद को बताया कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा जुटाई गई जानकारी में राज्य के 16 आदिवासी बहुल जिलों में पिछले तीन वर्षों में किशोर वय माताओं की संख्या 15,253 मिली है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने मंगलवार को विधान परिषद को बताया कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा जुटाई गई जानकारी में राज्य के 16 आदिवासी बहुल जिलों में पिछले तीन वर्षों में किशोर वय माताओं की संख्या 15,253 मिली है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंत्री बाल विवाह पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जो भारत में एक अपराध है।
लोढ़ा ने एक लिखित जवाब में कहा, “महाराष्ट्र के 16 आदिवासी जिलों में 18 वर्ष से कम आयु की गर्भवती लड़कियों की संख्या 15,253 (पिछले तीन वर्षों में) मिली है। विभाग ने इसकी जानकारी जुटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।”
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यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य में पिछले तीन वर्षों में 15,000 से अधिक बाल विवाह की सूचनाएं मिली हैं और क्या इनमें से 10 प्रतिशत को रोका जा सका, पर लोढ़ा ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि यह “आंशिक रूप से” सच है।
मंत्री ने कहा कि बाल विवाह कुछ जनजातियों में परंपरा का हिस्सा है और ऐसे मामलों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
मंत्री ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, केरल की तुलना में महाराष्ट्र में बाल विवाह की अधिक घटनाएं हुई हैं।
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लोढ़ा ने कहा कि 2019 से 2021 के बीच बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत 152 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 136 अदालत में हैं।