जानें कैसी भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाली पहली असमी क्रिकेटर बनी उमा छेत्री के संघर्ष की कहानी
असम के गोलाघाट जिले की 20 साल की उमा छेत्री ने भारतीय क्रिकेट में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। वह भारत की सीनियर क्रिकेट टीम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के इस राज्य की पहली खिलाड़ी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: असम के गोलाघाट जिले की 20 साल की उमा छेत्री ने भारतीय क्रिकेट में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। वह भारत की सीनियर क्रिकेट टीम में पूर्वोत्तर क्षेत्र के इस राज्य की पहली खिलाड़ी है।
उमा इस महीने बांग्लादेश के दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम का हिस्सा है।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने उनकी इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘ असम में क्रिकेट एक शानदार नये अध्याय में प्रवेश कर गया है क्योंकि हम गर्व से भारतीय महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अपना पहला प्रतिनिधित्व देख रहे हैं। उमा छेत्री को उनकी इस उपलब्धि, हमारे राज्य से नीली जर्सी पहनने वाली पहली खिलाड़ी बनने के लिए बधाई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम बांग्लादेश के आगामी दौरे पर उमा और भारतीय टीम का समर्थन करेंगे। हम मैदान पर उनकी शानदार सफलता की कामना करते है।’’
राज्य के बोकाखाट के कंदुलिमारी गांव की निवासी उमा के भाई विजय छेत्री ने डाइनामाइट न्यूज़ से फोन पर कहा,‘‘ हमें यह खबर कल देर रात मिली। हमने आज सुबह उससे बात की है। हम सब खुश है और उस पर काफी गौरवान्वित है।’’
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उमा पांच भाई-बहन में सबसे छोटी और इकलौती बहन है। उमा ने जब पहली बार प्लास्टिक का बल्ला उठाया था तभी से क्रिकेट से उन्हें लगाव हो गया था।
विजय ने कहा, ‘‘ जब उसने पहली बार प्लास्टिक का बल्ला पकड़ा था तभी से इस खेल के प्रति उसका रूझान बढ़ गया। जब वह पांचवीं या छठी कक्षा में थी, तब से उसने बोकाखाट स्टेडियम में पेशेवर तरीके से अभ्यास और प्रशिक्षण शुरू कर दिया था।
उनकी मां ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी बेटी को वह सारी सुविधाएं मिले जो उनके लिए संभव नहीं हो सका था। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उमा सिर्फ इस लिए पीछे ना छूटे क्योंकि वह लड़की है।
उमा की मां ने कहा, ‘‘एक महिला के रूप में मुझे कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ा था। मैं यह नहीं चाहती थी कि वह सिर्फ लड़की होने के कारण वह अपने सपने को पूरा न कर सके।
उमा का संबंध एक साधारण परिवार से है। उनके परिवार के सदस्य खेती और दैनिक वेतन भोगी कामों से जुड़े है। वित्तीय समस्याओं ने भी उमा को अपने सपने को पूरा करने से नहीं रोका।
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गोलाघाट जिला खेल संघ के कोषाध्यक्ष अजय शर्मा ने उमा को उसके शुरुआती वर्षों से बोकाखाट स्टेडियम में अभ्यास करते देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘साल 2011-12 के आसपास, हमने पहली बार बोकाखाट हिंदी उच्च विद्यालय की एक लड़की को देखा था, यह स्कूल स्टेडियम के बगल में स्थित है। वह स्कूल के बाद यहां लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी।’’
उन्होने बताया, ‘‘ वह जब नियमित रूप से यहां आने लगी तो हमारे कोच ने उससे संपर्क किया। उसकी प्रतिभा से प्रभावित होकर उसकी पेशेवर कोचिंग शुरू की गई।’’
असम क्रिकेट संघ (एसीए) के पूर्व संयुक्त सचिव रहे शर्मा ने कहा, ‘‘ उमा के पहले कोच राजा रहमान और मेहबूब आलम थे और वह अब भी नियमित रूप से आलम के देख-रेख में अभ्यास करती हैं। एसीए ने भी आगे बढ़ने में उसकी मदद की।
उमा भी एसीए गुवाहाटी में है। वह इस सप्ताह के अंत में मुंबई में भारतीय टीम से जुड़ेंगी और फिर बांग्लादेश के मीरपुर के लिए रवाना होंगी। भारतीय टीम बांग्लादेश में नौ जुलाई से शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और इतने ही एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला खेलेगी।
टीम में छेत्री के अलावा यास्तिका भाटिया एक अन्य विकेटकीपर है। अनुभवी विकेटकीपर ऋचा घोष को टीम में जगह नहीं दी गयी।