देश में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने से जुड़ी पीएलआई योजना को लेकर जानिये ये बड़ा अपडेट

डीएन ब्यूरो

सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और हितधारकों की चिंताओं के समाधान की कोशिश में लगी हुई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा


नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और हितधारकों की चिंताओं के समाधान की कोशिश में लगी हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने औषधि एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों के लिए जारी पीएलआई योजना की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारी ने बताया कि तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे अन्य क्षेत्रों में भी इस योजना की प्रगति की समीक्षा जल्द की जाएगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उन क्षेत्रों की समीक्षा की जो आम तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें औषधि, इलेक्ट्रॉनिक्स व एसी, फ्रिज जैसे ‘व्हाइट गुड्स’ के अंतर्गत आने वाले सामान और मोबाइल विनिर्माण शामिल हैं। ’’

समीक्षा बैठक के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘ये क्षेत्र अच्छा कर रहे हैं लेकिन वे और भी बेहतर कर सकते हैं। अभी हम इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि इसमें किसी बदलाव की जरूरत है या नहीं। इसके बाद ही हम इस पर कुछ कह पाएंगे।’’

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अधिकारी ने कहा कि प्रोत्साहन राशि के लिए दावों के त्वरित प्रसंस्करण, चीन से कुछ विशेषज्ञों को बुलाना जरूरी होने पर उन्हें वीजा मिलने में होने वाली देरी और कुछ राज्यों में पर्यावरणीय मंजूरी मिलने में आ रही देरी जैसे मुद्दों को हल करने की कोशिश की जा रही है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में 14 क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इन क्षेत्रों में दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, चिकित्सकीय उपकरण, वाहन, विशिष्ट इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल बैटरी, ड्रोन और औषधि शामिल हैं। यह योजना 1.97 लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ लागू की गई थी।

उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी, कपड़ा उत्पाद तथा विशेष इस्पात जैसे क्षेत्रों के लिए संचालित पीएलआई योजनाएं अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पा रही हैं।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस पर जानकारी हासिल करने के लिए जून में संबंधित पीएलआई हितधारकों के साथ एक कार्यशाला आयोजित की थी। अधिकारी ने कहा, ‘‘जो सुझाव आये हैं, उनमें से कुछ को हम नीति में शामिल करेंगे।’’

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भाषा प्रेम रमण

रमण










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