जम्मू-कश्मीर में हड़ताल को लेकर जानिये क्या बोले उप राज्यपाल मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश पहले आतंकवादियों का अड्डा होता था लेकिन अब यह पर्यटन और विकास गतिविधियों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि हड़ताल बीते दिनों की बात हो गई है और हर दिन सामान्य होता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश पहले आतंकवादियों का अड्डा होता था लेकिन अब यह पर्यटन और विकास गतिविधियों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि हड़ताल बीते दिनों की बात हो गई है और हर दिन सामान्य होता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिन्हा ने यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पहले आतंकवादियों का अड्डा होता था लेकिन अब यह पर्यटन और विकास गतिविधियों का केंद्र है। स्कूल और कॉलेज पहले पड़ोसी देश के आह्वान पर आयोजित हड़ताल की वजह से बंद रहते थे और विद्यार्थियों को पढ़ने का मौका नहीं मिलता था लेकिन अब वे बीते दिनों की बात हो गई है।’’
उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर साल के करीब छह महीने बंद रहता था और ‘हड़ताल कैलेंडर’ जारी किया जाता था लेकिन अब यह सब बीत चुका है और पूरे साल जनजीवन सामान्य रहता है।
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सिन्हा ने कहा, ‘‘सभी जानते हैं कि पहले साल के 150 दिन हड़ताल होती थी। हर साल एक जनवरी को हड़ताल का कैलेंडर जारी किया जाता था लेकिन अब पूरे 365 दिन जिंदगी सामान्य होती है। हमने कोशिश की और यहां कारोबार, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सामान्य कामकाज सुचारु रखने में सफल रहे।’’
उप राज्यपाल ने कहा कि युवा इस केंद्र शासित प्रदेश और देश के भविष्य हैं और उन्हें अच्छे माहौल में शिक्षा मिलनी चाहिए ताकि वे भविष्य में देश का नेतृत्व कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसके लिए शांति और समान्य स्थिति अहम है। सभी को ध्यान रखना चाहिए कि बिना शांति जम्मू-कश्मीर में विकास और प्रगति संभव नहीं है।’’
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जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या का संदर्भ देते हुए सिन्हा ने कहा कि पिछले साल केंद्र शासित प्रदेश में 1.88 करोड़ पर्यटक आए और उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस साल यह संख्या दो करोड़ को पार कर जाएगी।