मानसून के दौरान किसी तरह के कोयला संकट को लेकर जानिये क्या बोले कोयला मंत्री
कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत को इस साल मानसून के दौरान किसी तरह के कोयला संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत को इस साल मानसून के दौरान किसी तरह के कोयला संकट से नहीं जूझना पड़ेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जोशी ने यहां भूमिगत कोयला खनन पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोयले की मांग कैसी भी हो, सरकार उसको पूरा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोल इंडिया और कोयला मंत्रालय की ओर से देश को भरोसा दिलाता हूं कि इस साल मानसून के समय भी किसी तरह का कोयला संकट पैदा नहीं होगा।’’
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उन्होंने कहा कि तैयारियां अच्छी हैं और साल के दौरान मांग को पूरा करना ‘हमारी जिम्मेदारी’ है।
इसी कार्यक्रम में जोशी ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि सभी तापीय बिजली संयंत्रों के पास 3.5 करोड़ टन कोयला है। वहीं कोल इंडिया की खानों के मुहाने पर 6.5 करोड़ टन कोयला है। इसके अलावा निजी खनन कंपनियों के पास एक से 1.2 करोड़ टन कोयला है जो ढुलाई के चरणों में है।
रैक के जरिये कोयले की ढुलाई के बारे में जोशी ने कहा कि मंत्रालय रेलवे के साथ इस बारे में काम कर रहा है।
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इससे पहले मंत्री ने कोल इंडिया के ‘यूजी विजन प्लान’ का अनावकरण किया। यह वित्त वर्ष 2027-28 तक कोल इंडिया की भूमिगत खानों से 10 करोड़ टन का उत्पादन हासिल करने की रूपरेखा है।
फिलहाल कोल इंडिया अपनी भूमिगत खानों से 2.8 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करती है। उसकी अनुषंगी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (एसईसीएल) इसमें 45 भूमिगत खानों के जरिये 1.15 करोड़ टन का योगदान देती है।