पासपोर्ट नवीनीकरण होने भर से आरोपी को विदेश यात्रा की छूट पर जानिये क्या कहा अदालत ने
दिल्ली की एक अदालत ने गेल के एक शीर्ष अधिकारी की संलिप्तता वाले एक रिश्वतखोरी मामले में एक संदिग्ध बिचौलिये को पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने की अनुमति यह कहते हुए दी कि यह जारी भर हो जाने से उसे अपनी मर्जी से विदेश यात्रा करने की छूट नहीं मिल जायेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने गेल के एक शीर्ष अधिकारी की संलिप्तता वाले एक रिश्वतखोरी मामले में एक संदिग्ध बिचौलिये को पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने की अनुमति यह कहते हुए दी कि यह जारी भर हो जाने से उसे अपनी मर्जी से विदेश यात्रा करने की छूट नहीं मिल जायेगी।
अदालत ने पवन गौड़ के आवेदन पर यह आदेश जारी किया। गौड़ ने पेट्रोरसायन उत्पाद खरीदने वाली निजी कंपनियों से रिश्वत लेने के लिए गेल के निदेशक (विणणन) ई एस रंगनाथन की ओर से कथित रूप से बिचौलिये का काम किया था। सार्वजनिक कंपनी गेल पेट्रोरसायनों का विपणन करती है।
राहत प्रदान करते हुए विशेष न्यायाधीश नम्रिता अग्रवाल ने कहा कि गौड़ ने अब तक न्याय प्रक्रिया से बच निकलने की चेष्टा नहीं की है।
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बुधवार को जारी एक आदेश में न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा, ‘‘पासपोर्ट नवीनीकरण होने भर से आरोपी को अदालत से अनुमति लिये बगैर अपनी मर्जी से विदेश यात्रा करने की छूट नहीं मिल जाएगी।’’
हालांकि न्यायाधीश अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि यह आदेश पासपोर्ट अधिकारियों को आवेदक को दस्तावेज जारी करने का निर्देश नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘‘ यह पासपोर्ट जारी किये जाने के लिए अदालत की ओर से अनापत्ति है यानी यह स्पष्टीकरण है कि यदि आवेदक का पासपोर्ट दस साल के लिए नवीकृत किया जाता है तो अदालत को कोई आपत्ति नहीं है। आवेदक को देश छोड़ने से पहले अदालत की अनुमति लेने का निर्देश दिया जाता है।’’
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गौड़ और रंगनाथन 50 लाख रुपये की रिश्वतखोरी के मामले में आरोपी हैं। उन्होंने ‘महारत्न’ सार्वजनिक उपक्रम द्वारा विपणन किये जाने वाले पेट्रोरसायन उत्पादों को खरीद रही निजी कंपनियों को कथित रूप से रियायत दी थी।
रंगनाथन 2017-22 के दौरान आय के ज्ञात स्रोत से अधिक 4.82 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के एक अन्य मामले में भी आरोपी हैं।