केपीसीसी अध्यक्ष सुधाकरन धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार, जमानत पर रिहा
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख सुधाकरन को शुक्रवार को पुलिस की अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
कोच्चि: केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख सुधाकरन को शुक्रवार को पुलिस की अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
इस मामले में मुख्य आरोपी प्राचीन वस्तुओं का विवादास्पद कारोबारी मोनसन मावुंकल है।
जमानत पर रिहा होने के बाद सुधाकरन ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें अपराध शाखा द्वारा कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। वह सुबह पूछताछ के लिए पेश हुए थे।
कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने मुझसे पूछताछ की। उसके बाद उन्होंने मेरी गिरफ्तारी दर्ज की और फिर मुझे जमानत पर रिहा कर दिया गया। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। मैं अदालत में मामले का सामना करूंगा।”
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पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं से घिरे सुधाकरन ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि पुलिस के पास इस मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जिससे उन्हें सजा मिल सके।
उन्होंने कहा, “मैं डरता नहीं हूं। मैं कहीं छिपने वाला नहीं हूं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने मावुंकल के साथ संबंधों को खारिज कर दिया है, केपीसीसी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने ऐसा किया है।
इस बीच, केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सुधाकरन की गिरफ्तारी की आलोचना की और इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया।
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राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) वी. डी. सतीसन ने तर्क दिया कि वाम सरकार “भयग्रस्त” है और इसलिए इस तरह की रणनीति से विपक्ष को चुप कराने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के वाम सरकार के कथित कदम का कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाला यूडीएफ दोनों ही विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन की आलोचना कर रहे विपक्षी नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं।
सतीसन ने आरोप लगाया कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन वैसा ही रवैया अपना रहे हैं जैसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली में अपना रहे हैं।