पांच साल में 1.30 लाख मूल निवासियों को जमीन का पट्टा दिया गया: असम के मंत्री
असम सरकार ने विधानसभा को शुक्रवार को सूचित किया कि पिछले पांच वर्ष में 1.30 लाख से अधिक लोगों को भूमि पट्टा (स्वामित्व दस्तावेज) प्रदान किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गुवाहाटी: असम सरकार ने विधानसभा को शुक्रवार को सूचित किया कि पिछले पांच वर्ष में 1.30 लाख से अधिक लोगों को भूमि पट्टा (स्वामित्व दस्तावेज) प्रदान किया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन महन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक तेराश गोवाल्ला के एक प्रश्न पर कहा कि असम भूमि नीति, 2019 के अनुसार भूमि का स्वामित्व मूल लोगों को दिया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि इस तरह पिछले पांच वर्षों में 1,34,532 भूमिहीन लोगों को भूमि का मालिकाना हक दिया गया है। इनमें से सबसे ज्यादा 16,441 धेमाजी जिले में, इसके बाद 15,360 जोरहाट में और 12,389 डिब्रूगढ़ में दिए गए।
कांग्रेस के भास्कर ज्योति बरुआ के प्रश्न के उत्तर में महन ने कहा कि राज्य में 48 घोषित आदिवासी क्षेत्र और ब्लॉक हैं, जिनमें से 19 बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में हैं और बाकी गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में हैं।
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बीटीआर असम के बोडो बहुल क्षेत्रों के लिए संविधान की छठी अनुसूची के तहत बनाया गया एक स्वायत्त प्रभाग है। बीटीआर में चार जिले शामिल हैं - कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदलगुरी। बीटीआर में आदिवासी क्षेत्र और ब्लॉक का भूमि क्षेत्र 36,04,447 बीघा है और गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में यह 51,47,806 बीघा है।