बारूदी सुरंग में विस्फोट, नौ नक्सलियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बारूदी सुरंग विस्फोट की घटना में 10 पुलिसकर्मियों समेत 11 लोगों की मृत्यु के मामले में पुलिस ने दरभा डिवीजन के नौ नक्सलियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बारूदी सुरंग विस्फोट की घटना में 10 पुलिसकर्मियों समेत 11 लोगों की मृत्यु के मामले में पुलिस ने दरभा डिवीजन के नौ नक्सलियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में बुधवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबल के वाहन को उड़ाने के आरोप में दरभा डिवीजन के माओवादी चैतू, देवा, मंगतू, रनसाय, जयलाल, बामन, सोमे, राकेश, भीमा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सुंदरराज ने बताया कि अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सली गतिविधि की सूचना पर मंगलवार 25 तारीख की रात में डीआरजी दंतेवाड़ा और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। दल जब बुधवार की सुबह लगभग 06.30 बजे क्षेत्र में था तब पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।
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उन्होंने बताया कि जब घटना स्थल की तलाशी ली गई तब सुरक्षाबलों ने वहां से दो नक्सली मिलिशिया सदस्य लखमा कवासी (30) और सन्ना उर्फ कोसा माड़वी (25) को गिरफ्तार कर लिया और इनसे नक्सल सामान बरामद किया। इस मामले में पुलिस ने दरभा डिवीजन कमेटी के माओवादी जगदीश, लख्खे, लिंगे, सोमडू, महेश, हिड़मा, उमेश, देवे, नंद कुमार, लखमा, कोसा, मुकेश और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान नक्सली कोसा उर्फ सन्ना के जांघ और कोहनी में गोली लगी थी, नक्सली को तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। उन्होंने बताया कि उसके उपचार के लिए डीआरजी के दल को जिला मुख्यालय भेजा गया और डीआरजी का दल तीन वाहनों में सवार होकर अरनपुर से रवाना हुआ था। उन्होंने बताया कि जब वाहन अरनपुर से दो किलोमीटर दूर पेड़का चौक पर पहुंचा तब नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर वाहन को उड़ा दिया और गोलीबारी की, इस घटना में डीआरजी के 10 जवानों और वाहन चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद प्रतीत हो रहा है कि नक्सलियों ने बारूदी सुरंग को लगभग डेढ़ से दो महीने पहले सड़क के किनारे से सुरंग खोदकर लगाया था। जिसके तार को सड़क के किनारे घने जंगल की आड़ लेकर जमीन के नीचे 2-3 इंच दबाकर लगभग 150 मीटर दूर तक ले गए थे। बाद में मौका देख कर बुधवार को इसमें विस्फोट कर दिया।
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सुंदरराज ने बताया कि सड़क में समय- समय पर डी-माईंनिंग (बारूदी सुरंग को खोजने और उसे नष्ट करने की कार्रवाई) की जाती है और ऐसी आशंका है कि बारूदी सुरंग सड़क के काफी नीचे लगाया गया था, जिसके कारण डी-माईंनिंग के दौरान उसके संबंध में जानकारी नहीं मिली।
उन्होंने बताया कि बुधवार की घटना में शहीद हुए डीआरजी जवान और वाहन चालक को विभागीय प्रावधान तथा शासन की नक्सल पीड़ित पुनर्वास नियम के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति, आर्थिक सहायता और सुविधाएं जल्द उपलब्ध कराई जाएगी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद आस-पास के क्षेत्रों में पुलिस और सीआरपीएफ के जवान लगातार खोजी अभियान पर हैं।