Crime in UP: बलरामपुर में दहेज हत्या के दोषी पिता-पुत्र को अदालत ने सुनाई ये कठोर सजा
बलरामपुर जिले की एक अदालत ने दहेज हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में पिता और पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उनपर 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बलरामपुर: जिले की एक अदालत ने दहेज हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में पिता और पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उनपर 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने रविवार को बताया कि नयी बाजार तुलसीपुर निवासी मुरारी लाल गुप्ता ने तुलसीपुर थाने में 22 सितंबर, 2016 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनकी पुत्री गुंजन गुप्ता की शादी करीब चार साल पहले चरगाहिया गांव निवासी प्रहलाद गुप्ता के साथ हुई थी।
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दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, शादी के बाद दहेज की मांग को लेकर गुंजन के ससुराल वाले उसे अक्सर मारते पीटते थे। 22 सितंबर को अंतत: उन्होंने गुंजन की हत्या कर दी और साक्ष्य मिटाने के लिए शव जला रहे थे।
सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवाया, जिसमें गला दबा कर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई।
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उन्होंने बताया कि पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए प्रह्लाद और उसके पिता राम बुझावन को गिरफ्तार कर दोनों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
सिंह ने बताया कि जिला जज लल्लू सिंह की अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर प्रह्लाद गुप्ता और उसके पिता राम बुझावन को दोषी करार देते हुए शनिवार को आजीवन कारावास की सजा और 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।