लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत 18 नवंबर को हुई थी और यह आज 13 दिसंबर तक निर्धारित थी। सत्र के अंतिम दिन लोकसभा में भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की बलात्कार मामलों पर कथित टिप्पणी को लेकर भारी हंगामा किया और उनसे माफी की मांग की। सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सदन की 20 बैठकें हुई, जो 130 घंटे 45 मिनट चलीं। वर्ष 2019..20 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों पर 5 घंटे और 5 मिनट चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 18 सरकारी विधेयक पुन:स्थापित हुए और कुल मिलाकर 14 विधेयक पारित हुए।
बिरला ने कहा कि 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और औसतन प्रतिदिन लगभग 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिये गए। इसके अलावा प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए। प्रतिदिन औसतन 58.37 मामले उठाये गए। नियम 377 के अधीन कुल 364 मामले उठाए गए।
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स्पीकर ने कहा, ‘‘इस प्रकार से सभा की उत्पादकता 115 प्रतिशत दर्ज की गई।’’ लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई। जिसके बाद सभा की बैठक अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई ।
अध्यक्ष बिरला जब वक्तव्य पढ़ रहे थे तब कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘उन्नाव का क्या हुआ’ जैसे नारे लगा रहे थे।
Lok Sabha adjourned Sine Die. #WinterSession pic.twitter.com/3O2bn5kdVL
— ANI (@ANI) December 13, 2019
इससे पहले, शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल आरंभ होने के साथ ही भाजपा की कई महिला सदस्य अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और राहुल गांधी से बलात्कार मामले को लेकर उनकी कथित टिप्पणी के लिये माफी की मांग करने लगीं।
स्पीकर ने 18 साल पहले संसद पर हुए हमले की घटना का जिक्र किया और सदन ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बार किसी नेता ने इस तरह का बयान दिया है। यह भारत की महिलाओं और देश का अपमान है। राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
इसके कारण लोकसभा की कार्रवाई 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: आरंभ होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए और ऐसे बयान देने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
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उन्होंने कहा कि गांधी के बयान से यह सदन और पूरा देश आहत हुआ है।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को आयात करने वाले देश से निर्यात करने वाला देश बनाने के प्रयासों के संदर्भ में ‘मेक इन इंडिया’ का परिकल्पना की थी लेकिन इसके साथ इस तरह से तुकबंदी करके जिस शब्द का इस्तेमाल किया, उस शब्द को वह बोल भी नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि वह (राहुल गांधी) कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान सदन में राहुल गांधी मौजूद थे। (भाषा)