ब्रिटेन के पीएम पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक बोले- मैं झूठे वादे करके जीतने के बजाय हारना पसंद करूंगा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक ने कहा कि आर्थिक संकट से निपटने की उनकी योजना के संबंध में झूठे वादे करके जीत हासिल करने के बजाय वह हारना पसंद करेंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक ने कहा कि आर्थिक संकट से निपटने की उनकी योजना के संबंध में झूठे वादे करके जीत हासिल करने के बजाय वह हारना पसंद करेंगे।
‘बीबीसी’ को दिए एक साक्षात्कार में ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि कमजोर तबके के परिवारों के कल्याण के लिए काम करने को वह प्रतिबद्ध हैं।
यह भी पढ़ें: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दिया इस्तीफा, जानिये कैसे चुना जायेगा नया पीएम
यह भी पढ़ें |
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कसी इस आचरण के खिलाफ नकेल, शुरू की ये खास योजना
सुनक और उनकी प्रतिद्वंद्वी ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने हैं। ट्रस ने कर कटौती का वादा किया है, जिसको लेकर पूर्व वित्त मंत्री सुनक ने दावा किया है कि इससे केवल अमीर परिवारों को फायदा होगा, न कि उन लोगों को जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
सुनक (42) ने कहा, ‘‘ मैं झूठे वादे करके जीतने की बजाय हारना पसंद करूंगा।’’
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा दोनों उम्मीदवारों से सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। ये सदस्य चुनाव में मतदान करेंगे। इस दौरान बढ़ती मुद्रास्फीति और कीमतों का मुद्दा हावी होता दिख रहा है।
सुनक ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान वित्त मंत्री के तौर पर अपने कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ लोग मुझे मेरे काम के आधार पर आंक सकते हैं, जब इस साल की शुरुआत में बिल 1200 पाउंड से अधिक आ रहे थे, मैंने सुनिश्चित किया कि कमजोर तबके के लोगों के बिल 1200 पाउंड के आसपास ही आएं।’’
यह भी पढ़ें |
British PM: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री भी नहीं है कानून से ऊपर, ऋषि सुनक ने देखिये किस गलती के लिए मांगी माफी
सुनक ने प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने पर अपने द्वारा किए गए कार्यों को और आगे बढ़ाने का वादा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पता है कि लाखों लोग महंगाई को लेकर चिंतित हैं, खासकर उनके बिजली के बिल को लेकर....मेरा कहना है कि अगर मैं प्रधानमंत्री बनता हूं तो मैं उन परिवारों की और अधिक मदद करूंगा जिन्हें सबसे अधिक मदद की जरूरत है क्योंकि स्थिति अब इस साल की शुरुआत से बदतर है, जब मैंने इन उपायों की घोषणा की थी।(भाषा)