यूपी निकाय चुनाव: 36 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति, वोट के लिये जनता को बांट रहे कई उपहार
यूपी निकाय चुनाव में महापौर पद के चुनाव लड़ने वाले 213 उम्मीदवारों में 195 की जांच में सामने आया कि भाजपा के 29 प्रतिशत प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, इस मामले में दूसरे नंबर पर बसपा है। 90 फीसदी प्रत्याशी ग्रेजुएट या अधिक पढ़े-लिखे हैं..
लखनऊ: यूपी निकाय चुनाव में खड़े प्रत्याशियों पर वोट के एवज में जनता को कई बड़े प्रलोभन देने का दावा किया गया है। राजधानी लखनऊ में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि कुछ प्रत्याशियों ने वोटरों को उपहार तक बांटे हैं।
एडीआर के यूपी हेड अनिल शर्मा ने कहा कि निकाय चुनाव में कई जिलों से वोटरों में तोहफे बांटने की खबरें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ सहित झांसी में कुछ प्रत्याशियों की ओर से बिरयानी, मुरादाबाद में पीतल के बर्तन जबकि गोरखपुर में फुटबॉल वोटरों के घरों में पहुंचाया जा रहे हैं।
भाजपा पर अपराधियों को टिकट देने का आरोप
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अनिल शर्मा ने बताया कि एडीआर ने यूपी में महापौर पद के चुनाव लड़ने वाले 213 उम्मीदवारों में से 195 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। जिसमें बीजेपी के सबसे ज्यादा 29 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि दूसरे नंबर पर बसपा है, जिसके 21 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक दर्ज हैं।
एडीआर ने बताया कि इस बार चुनाव में 36 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार 79 प्रतिशत भाजपा और बसपा के हैं। जबकि 90 प्रतिशत से अधिक ग्रेजुएट या उससे अधिक पढ़े लिखे प्रत्याशी भी इस बार मैदान में हैं।
एडीआर के वालंटियर्स वोटरों को करेंगे जागरूक
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एडीआर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि लखनऊ सहित जिन जिलों से वोटरों को लुभाने की खबरें आ रही हैं, उन जिलों में एडीआर के वालंटियर्स घर-घर जाकर वोटरों में जागरूकता फैलाने का काम करेंगे। साथ ही एडीआर के वालंटियर्स वोटरों को लुभाने का प्रयास करने पर उन्हें चुनाव आयोग के टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने को प्रेरित करेंगे। एडीआर का कहना है कि अब तक के चुनावी विश्लेषण में जो भी कमियां सामने आई हैं उन्हें चुनाव आयोग के सामने रखा जाएगा। जिससे समय रहते इन कमियों को दूर कर साफ-सुथरे तरीके से मतदान प्रक्रिया संपन्न की जा सके।