लखनऊ: जन्मदिन पर बोली मायावती- देश का लोकतंत्र खतरे में..
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने 62वें जन्मदिन के मौके पर जहां अपने पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया वहीं उन्होंने भाजपा पर जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति करने का आरोप लगाया। मायावती ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए देश में बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की।
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने 62वें जन्मदिन के मौके पर देश और प्रदेश से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। मायावती ने भाजपा पर फासिस्ट विचारधारा को बढ़ावा देते हुए उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य और केन्द्र में भाजपा सरकार के कारण देश का लोकतंत्र खतरे में है, यह सभी देश वासियों के लिये चिंताजनक है।
आरएसएस के इशारे पर काम कर रही भाजपा
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर आरएसएस के इशारे पर काम करने और देश के संविधान में फेरबदल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इस मौके पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक सांसद के तौर पर उन्हें राज्यसभा में अपनी बात कहने से रोका गया, जो लोकतंत्र के लिए बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है।
नोटबंदी व जीएसटी देश के लिए घातक
इस मौके पर उन्होंने नोटबंदी व जीएसटी जैसे फैसलों को देश के लिए घातक बताया। उन्होंने बताया कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण ही देश की आर्थिक वृद्धि दर में काफी गिरावट आई है और नोटबंदी और जीएसटी के फैसले बिना सोचे समझे लिए गए, जिसके कारण आज देश गंभीर आर्थिक संकट में पड़ गया है।
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भाजपा पर दलितों के साथ धोखा करने का आरोप
इस दौरान मायावती ने गुजरात चुनाव का जिक्र करते हुए बताया कि गुजरात में भाजपा को सरकार बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसकी बड़ी वजह यह रही कि भाजपा का असल चेहरा लोगों के सामने धीरे-धीरे आ रहा है। इस मौके पर उन्होंने रोहित वेमुला का भी मुद्दा उठाया और आरोप लगाते हुए कहा कि आज भाजपा दलितों को बेरोजगार करने में लगी है और आरक्षण से छेड़छाड़ कर रही है। इस मौके पर उन्होंने अपनी पुस्तक मेरा संघर्षमय जीवन का भी विमोचन किया।