यूपी की बड़ी खबर: सात सौ से अधिक सरकारी डॉक्टरों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू, जानिये सरकार के पूरे एक्शन के बारे में

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में सेवा से नदारद सात सौ से अधिक सरकारी डॉक्टरों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए अन्य कदमों के साथ साथ राज्य के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की तैयारी चल रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम,  यूपी
बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम, यूपी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सेवा से नदारद सात सौ से अधिक सरकारी डॉक्टरों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए अन्य कदमों के साथ साथ राज्य के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की तैयारी चल रही है। स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा महकमा संभाल रहे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह जानकारी दी।

पाठक ने विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा ''राज्य में लगभग 724 चिकित्सक हैं जो ड्यूटी के दौरान लगातार गायब पाए गए हैं। जांच कराने के बाद ऐसे लोगों को नोटिस दिया गया है और सेवा से बर्खास्त किया जा रहा है।''

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पाठक ने कहा ''अभी ऐसे 50 चिकित्सक बर्खास्त किए जा चुके हैं। बाकी लोगों को नोटिस देकर ड्यूटी पर वापस आने के लिए कहा गया है। अगर वे नहीं आते हैं तो तो प्रक्रिया पूरी कर सेवा से उन्हें बर्खास्त किया जाएगा तथा उनकी जगह नए लोगों को तैनात किया जाएगा।’’

एक आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में चिकित्सकों के करीब 19 हजार पद स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष करीब 12 हजार चिकित्सक तैनात हैं।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के दावे के बारे में पूछे जाने पर पाठक ने कहा ''पहली बार उप्र सरकार ने पांच लाख रुपये प्रतिमाह वेतन देकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती शुरू की है। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि बड़ी संख्या में उप्र में विशेषज्ञ चिकित्सक आ रहे हैं।''

यह भी पढ़ें | UP Politics: ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी की मुलाकात, जानिये दोनों के बीच क्या हुई बात

उन्होंने भर्ती किये गये विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कई विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की गयी है और चिकित्सकों की कमी भी जल्द ही दूर की जाएगी।

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को लेकर लगाए गए आरोपों के जवाब में पाठक ने कहा ''उनको अपने कार्यकाल की याद नहीं है। समाजवादी पार्टी केवल सोशल मीडिया तक सीमित रह गयी है।''

पाठक ने कहा कि सपा प्रमुख को बताना चाहिए कि उनकी सरकार (2012-2017) के दौरान वह और उनके स्वास्थ्य मंत्री कितनी बार अस्पताल में जाकर वहां का हालचाल लेते थे।

उप मुख्‍यमंत्री ने आरोप लगाया ''सपा के शासनकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय को एक तरह से लूट का अड्डा बना दिया गया था। आज हम कह सकते हैं कि भाजपा की सरकार तल्लीनता से लोगों की सेवा तथा काम कर रही है।''

ब्रजेश पाठक आए दिन अस्‍पतालों का दौरा कर खामियों को दूर करने का निर्देश देते हैं। सरकारी अस्‍पतालों में संसाधनों की कमी के बारे में उप मुख्‍यमंत्री ने कहा ''आज प्रदेश के सभी अस्‍पतालों में दवाइयां मिल रही हैं। चिकित्‍सक समय पर आ रहे हैं। सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की कार्रवाई चल रही है। 65 मेडिकल कालेज काम कर रहे हैं। शेष की प्रक्रिया चल रही है।''

यह भी पढ़ें | यूपी सीएम योगी बोले- सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए एक साल काफी नहीं 

स्वास्थ्य सेवा में सुधार के बारे में पूछे जाने पर पाठक ने कहा कि राज्य में करीब 21 हजार उपकेंद्रों में प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ‘हेल्थ वेलनेस सेंटर’ की स्थापना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व देखभाल और उनकी संपूर्ण जांच कराने, नवजात शिशुओं संबंधी सेवाएं, बाल्यकाल एवं शिशुओं संबंधी स्वास्थ्य देखभाल, परिवार नियोजन एवं अन्‍य प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन व उपचार, गैर संचारी रोगों की जांच, नेत्र, नाक, कान रोग का इलाज, आकस्मिक दुर्घटना जैसी स्थिति में प्राथमिकता से सेवा प्रदान करना है।

पाठक ने कहा कि उप्र में संजीवनी एप पर विशेषज्ञ चिकित्सक से मरीज बात कर अपनी समस्या बताते हैं और प्रतिदिन करीब 50 हजार लोगों को संजीवनी एप पर उपचार मिल रहा है।

केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत कार्ड के बारे में उप मुख्‍यमंत्री ने कहा ‘‘उप्र में बहुत तेजी के साथ आयुष्‍मान भारत पर काम हो रहा है। अभी हमारे पास लगभग तीन करोड़ 10 लाख कार्डधारक हैं। केवल 22 सितंबर को पूरे देश में ढाई लाख कार्ड बने और उनमें से दो लाख कार्ड उप्र में बने हैं। इस दिशा में हम तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम रोज रिपोर्ट मांगते हैं।''

आयुष्‍मान भारत योजना के तहत कार्डधारक के बीमार होने पर उसका पांच लाख रुपये तक का इलाज नि:शुल्क किया जाता है।










संबंधित समाचार