यूपी के पूर्व IAS कुंवर फतेह बहादुर ने भारतीय निर्वाचन आयोग को किया कटघरे में खड़ा, कोरोना में चुनाव पर उठाये सवाल

डीएन ब्यूरो

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से रिटायर्ड कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने कोरोना काल में चुनाव कराने को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाये है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

पूर्व आईएएस कुंवर फतेह बहादुर
पूर्व आईएएस कुंवर फतेह बहादुर


नई दिल्ली: देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच चुनावी गतिविधियां और प्रचार अभियान भी जोरों पर हैं। यूपी के पंचायत चुनाव समेत देश के पांच राज्यों में कोरोना लहर के बीच विधान सभा चुनाव कराये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अफसर कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने भारतीय निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने निवार्चन आयोग को कटघरे में खड़ा करते हुए कुछ गंभीर सवाल भी उठाये हैं। 

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1981 बैच के यूपी के पूर्व आईएएस अधिकारी कुंवर फतेह बहादुर ने इसके साथ ही कोविड-19 के बीच पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में प्रचार व चुनावी रैलियों के दौरान उमड़ रही भीड़ और उसमे कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाये जाने पर राजनीतिक दलों और नेताओं पर भी निशाना साधते हुए गंभीर चिंता जताई है। 

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कुंवर फतेह बहादुर ने शुक्रवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए कई तीखे सवाल उठाये हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि कोविड19 के दौरान राजनीतिक दलों की ग़ैर ज़िम्मेदाराना हरकत को रोकने की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग एवं सत्ता पक्ष की है। लेकिन जब सत्ता प़क्ष ख़ुद कोरोना नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो इसे रोकना चुनाव आयोग का दायित्व है। लेकिन चुनाव आयोग रीढ़ हीन अयोग्य साबित हो गया है, यह दुर्भाग्य पूर्ण है। 

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अपने पहले ट्वीट में कुंवर फतेह बहादुर ने लिखा है कि राजनीतिक दल चाहे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के, अपने स्वार्थ एवं लाभ के लिए कुछ भी कर सकते है। वर्तमान विधान सभा चुनावों में कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। यह अक्षम्य है। रोड शो, रैलियों में विपक्ष एवं सत्ता पक्ष नेता सभी लिप्त हैं। पीएम एवं गृह मंत्री के प्रचार देख लें। 

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इस पूर्व आईएएस अफसर ने एक ट्वीट में लिखा है कि मैंने अपने सेवाकाल में श्रीशेषन के समय, उनके पहले एवं उनके बाद भी चुनाव में विभिन्न पदों पर काम किया, किन्तु एैसा चुनाव आयोग नहीं देखा। यह आयोग अकर्मण्य, दिशाविहीन है। आयोग निष्पक्ष तो दूर दूर तक नहीं है। लगता है निष्पक्षता की शपथ चुनाव आयोग ली ही नहीं।

विधान सभा चुनाव को लेकर आयोजित रैलियों और रोड शौ में हर जगह भारी भीड़ देखी जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ कोरोना नियमों का पालन न होना इस परिदृश्य को चिंताजनक बना रहा है।










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