लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने फेसबुक के जरिये ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश
एसटीएफ ने फेसबुक के जरिये ठगी करने वाले राष्ट्रीय स्तर के एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इस मामले में एक नाइजीरियन नागरिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी फेसबुक के जरिये कई तरह के आर्थिक अपराधों में लिप्त था।
![गिरफ्तार आरोपी](https://static.dynamitenews.com/images/2017/12/14/lucknow-stf-arrested-criminal-for-cheating-on-facebook-up/5a3208db24e33.jpeg)
लखनऊ: यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश के निर्देशों पर उनकी टीम ने फिर एक और ऑनलाइन ठगी के मामले का भंड़ेफोड़ कर एक गिरोह का पर्दाफाश किया। एसटीएफ ने इस मामले में देश की राजधानी दिल्ली से एक नाइजीरियन नागरिक को भी गिरफ्तार किया, जो इस हाईटेक ठगी का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। गिरफ्तार किये गये आरोपी का नाम फ्रैक है, जो अब तक फेसबुक के जरिये कई लोगों को चूना लगा चुका है।
यूपी एसटीएफ के मुताबिक राजस्थान निवासी मिट्ठन लाल नामक व्यक्ति ने राज्य के टोंक जिले के थाना देवली में अपने साथ फेसबुक के माध्यम से की गई धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि फेसबुक पर उसकी दोस्ती फ्रैक नाम के व्यक्ति से हुई। जिसने उसके साथ यूएस डॉलर देने के नाम पर 1 लाख 55 हजार रुपए की धोखाधड़ी की है।
मामले में राजस्थान पुलिस ने मुकदमा संख्या 244, धारा 420, 460 आईपीसी और 66 बी, 66 सी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।
मामले की विवेचना के लिए राजस्थान पुलिस ने यूपी एसटीएफ से सहयोग की मांग की थी। यूपी एसटीएफ ने मामले की तहकीकात शुरू की। तहकीकात के दौरान पता चला कि धोखाधड़ी की वारदात में प्रयोग किया गया सिम रायबरेली का है।
एसटीएफ को पता लगा कि मामले में संदिग्ध फ्रैक नाम का आरोपी 13 दिसंबर को अपने दोस्त से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचा। मौके पर एसटीएफ और राजस्थान पुलिस की टीम ने घेरेबंदी कर उसे दिल्ली के विकासपुरी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपी फ्रैक ने बताया कि उसके साथ नाइजीरिया के भी कई लोग भी इस गिरोह के सदस्य हैं। जो इस तरह की वारदात को देश के अलग-अलग हिस्सों में अंजाम देने में लगे हैं। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी फ्रैक ने बताया कि उन लोगों ने अपने गिरोह में कई भारतीय लड़कियों भी शामिल है। गिरोह के लोग लड़कियों से आरबीआई, इनकम टैक्स, कस्टम विभाग जैसे सरकारी विभागों के नाम से लोगों के पास फोन करा कर उनसे खाते में पैसे जमा कराते थे।