सरकार के रुख से और भड़क सकता है शिक्षामित्रों का आंदोलन
शिक्षामित्रों के मानदेय के संबंध में राज्य सरकार ने अपना रुख साफ करते हुये कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। सरकार के इस बयान के बाद शिक्षामित्रों का आंदोलन और बढ़ सकता है।
लखनऊ: राज्य में शिक्षामित्रों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी साफ कर दिया है कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। सीएम के इस बयान के बाद शिक्षामित्रों का आंदोलन और भड़क सकता है। शिक्षामित्र सरकार की तरफ से दिये जा रहे 10 हजार रुपये के मानदेय से खुश नहीं है।
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शिक्षामित्र सूबे की सरकार से उम्मीद लगाये बैठे थे कि योगी सरकार कोई बेहतर रास्ता निकालेगी, लेकिन इस संबंध में राज्य सरकार ने अपना रुख साफ करते हुये कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
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कानपुर में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और कहा कि कैबिनेट बैठक में शिक्षामित्रों का न्यूनतम मानदेय तय कर दिया गया है, लिहाजा उन्हें 10 हजार रुपये ही मानदेय दिया जायेगा। समान कार्य-समान वेतन दिये जाने की मांग को लेकर आंदोलित शिक्षामित्रों से सीएम योगी ने कहा कि दस हजार रुपये का निश्चित मानदेय ही उन्हें मिलेगा। इसमें बढ़ोतरी करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। कोर्ट के आदेश पर ही उनका मानदेय तय किया गया है। ऐसे में सीएम योगी के इस कथन के बाद अब शिक्षामित्रों का प्रदर्शन और उग्र होने की संभावना है।